21 जुलाई को देवपुरी “देरोल” में गुरु मां 105 गणिनी आर्यिका श्री संगमती माताजी का 27वा वर्षायोग मंगल कलश स्थापना
अहमदाबाद ! ( देवपुरी वंदना ) गुजरात प्रांत हूमड़ जैन समाज का उद्गम स्थल खेड़ब्रह्मा तहसील से पूर्व दिशा में 6 कि.मी. की दूरी पर ‘देरोल’ ग्राम है, जो पूर्व में ‘देवनगरी’ या ‘देवपुरी’ के नाम से विख्यात रहा है। इसे अब ‘देरोल’ के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में यहां तीन जिनालय हैं। चौथी शताब्दी की प्राचीन, कलात्मक भगवान श्री 1008 आदिनाथ की अतिशयकारी प्रतिमा मंदिर एक में है एवं दूसरे जिनालय में भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ की अतिशयकारी मनोकामनापूर्ण करने वाली चमत्कारी प्रतिमा है। इन दोनों मन्दिरों में सभी प्रतिमाएं दिगम्बर आम्नाय की हैं। मंदिर बावन जिनालय कोठरिया पर संवत् 1115 से 1135 लिखा है। स्थानीय लोग इसे ‘लाखेणाना’ मंदिर के नाम से जानते हैं।
विशेष – भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ जी से मन्नत मांगने पर एवं पूर्ण होने पर गुड़, नारियल एवं शक्कर का प्रसाद रखने पर वहां के लोगों में ही बाट दिया जाता है।
वार्षिक मेले – हर पूर्णिमा पर मेला लगने पर दो से तीन हजार से अधिक श्रद्धालु आते हैं एवं वर्ष में ज्येष्ठ सुदी 10वीं को बड़ा मेला लगता है। ऐसे अतिशिकारी तीर्थ क्षेत्र पर बुंदेलखंड केसरी आचार्य श्री 108 सिद्धांत सागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या परम पूज्य गणिनी आर्यिकारत्न वात्सल्यमूर्ति ज्ञानवर्धिनी रत्नात्रय चंद्रिका धर्मप्रभाविका विदूषीरत्न प्रभावनारत्न मार्गदर्शिका णमोकार जिनशासन प्रभावीका गुरुमाँ 105 श्री संगममति माताजी (ससंघ) का 27वाँ वर्षायोग 2024 देवपुरी देरोल (गुजरात) में आर्यिका 105 संयोगमती माताजी, क्षुल्लिका 105 संपर्कमति माताजी, क्षुल्लिका 105 सानिध्यमति माताजी, क्षुल्लिका 105 समर्पितमति माताजी।
पूज्य माताजी का परिचय :
पूर्व नाम : मीना जैन
जन्मतिथि : 1971 (गैसाबाद)
पिताजी :श्री छब्बेलालजी
माताजी : श्रीमती कमलाबाई
शिक्षा : मिडिल
भाई : मनोज, सुरेन्द्र, धरणेन्द्र, रूपेन्द्र, अरविन्द, जितेन्द्र
बहन : राजकुमारी, रेखा, नीलू
ब्रह्मचारिणी व्रत : 30 अगस्त 1997 पन्ना मध्यप्रदेश
दीक्षा गुरु : आचार्य 108 श्री सिद्धान्त सागरजी महाराज
दीक्षा उपरांत नाम : आर्यिका 105 श्री संगममती माताजी
गणिनी पद : 9 फरवरी 2007, औरंगाबाद
दीक्षा गुरु : आचार्य 108 श्री सिद्धान्त सागरजी महाराज जी
गुरु मां का देवपुरी देरोल में भव्य मंगल प्रवेश रविवार 07 जुलाई 2024 को होने जा रहा है और मंगल कलश स्थापना एवं गुरु पूर्णिमा महा महोत्सव रविवार 21 जुलाई 2024 को जिसमें आप सभी पधारकर पुण्य लाभ ले।
निवेदक : विशाहुंमड पंचमहाजन, देरोल
आयोजक : देवपुरी अतिशय क्षेत्र ट्रस्ट
विस्तृत जानकारी के लिए सम्पर्क :- 9825883281 9979315811
संघ संचालिका :- श्रीमती सोनम अजीत विनायका 9904450002, 9429884158
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र :-
तारंगाजी – 65 कि.मी., चितामणि पार्श्वनाथ – 55 कि.मी., ईडर – 30 कि.मी., भिलोड़ा -60 कि.मी.