नवीन जैन को ही मिले अल्पसंख्यक मंत्रालय का मंत्री पद
आगरा ! पिछले दस साल में केंद्र में जैन समाज को मंत्री पद मिला नहीं है, अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री पद इस बार जैन समाज के रत्न राज्य सभा के संसद श्री नवीन जैन जी को ही मिलना चाहिए।
दिगम्बर जैन समाज की एक मात्र संस्थान जो अपने ऐतिहासिक, पौराणिक तिर्थो व समाज में हो रहे असंवैधानिक कार्यो के प्रति सजग जागरूक चिंतनशील, युवाओं को एक सूत्र में पिरोने वाली श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के भारत में निवासरत सभी साधर्मी बंधुओं से आह्वान है कि राजनीतिक गलियारों से जैन समाज का अस्तित्व समाप्त करने वाली राजनीतिक दलों से अपनी महत्वाकांक्षा को दुर करते हुए नवीन जैन को अल्पसंख्यक विभाग का मंत्री बनना है।
जैनियों यही मौका है आवाज उठाए..!
पिछले दस साल में केंद्र सरकार में जैन समाज को मंत्री पद मिला नहीं है और आज तक अल्पसंख्यक मंत्रालय का मंत्री पद भी जैन समाज को मिला नहीं है। पिछले दस साल में क्रिस्चियन संसद को, मुस्लिम, बुद्ध, सिख, ओबीसी, SC/ST के साथ देश के सभी जाती और धर्म के संसद को मंत्री पद मिला है, परन्तु दुर्भाग्य पूर्ण से जैन संसद को मंत्री पद मिला नहीं है। यही सुवर्ण अवसर है, पुरे भारत के जैन समाज एक होकर नवीन जैन जी के मंत्री पद के लिए प्रयास करें। अल्पसंख्यक मंत्रालय (भारत सरकार) को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अलग कर 29 जनवरी 2006 को बनाया गया था। 29/01/2006 से आज तक 06/06/2024, यानी 19 साल के कार्यकाल में इस मंत्रालय के मंत्री सिर्फ मुस्लिम धर्म के संसद को ही मिला है। आज तक एक बार भी अल्पसंख्यक मंत्रालय जैन धर्म के संसद को मिला नहीं। इसलिए देश भर के जैन समाज को अल्पसंख्यक मंत्री पद के मांग को लेकर आवाज उठानी चाहिए। इस साल, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारत सरकार का बजट Rs.5200 करोड़ की है। जब से अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन हुआ तब से आज तक याने पिछले 19 सालो में (2006-07 से 2023-24 तक) लगभग Rs.53000 करोड़ (Rs. 50 thousand crores) अल्पसंख्यक मंत्रालय को भारत सरकार के बजट से मिले है। Rs.53000 करोड़ , इतनी बड़ी राशि में कितना पैसा जैन समाज के विकास और संरक्षण के लिए मिला है ? जैन समाज को 500 करोड़ भी नहीं मिला है। मुस्लिम धर्म के धर्म स्थल के संरक्षण के लिए यानी वक़्फ़ बोर्ड प्रॉपर्टी के संरक्षण और विकास के लिए सैकड़ो करोड रूपए मिले है। जैन धर्म के प्राचीन मंदिरो के संरक्षण और विकास के लिए एक रूपिया भी नहीं मिला है.! कब जागेगा जैन समाज…? जैन धर्म के कम से कम Rs.5000 करोड़ पिछले 19 सालो में डूब गए है। दक्षिण में याने तमिलनाडु, कर्नाटक राज्य में तो जैन समाज की गरीबी 50% से भी ज्यादा है। पिछले 19 सालो में मुस्लिम धर्म में गरीबी और बेरोजगारी दोनों कम हुए है, सभी धार्मिक स्थलों का संरक्षण और विकास हुवा है। परन्तु पिछले 19 सालो में जैन धर्म में गरीबी और बेरोजगारी दोनों बढ़े है, जैन धर्म के प्राचीन मंदिरो का ना तो संरक्षण हुआ है ना विकास।
जितने भी मुस्लिम मंत्री आज तक बने है उन्होने सिर्फ अपने धर्म के विकास और संरक्षण पे ध्यान दिया है. जैन धर्म को जानबूझ कर कमजोर किया गया है.! बताने जैसे बहुत कुछ है. कुछ भी हो जाए इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री पद श्री नवीन जैन जैसे व्यक्ति को ही मिले, मंत्रिमंडल में स्थान मिलना ही चाहिए. अगर ये मंत्री पद श्री नवीन जैन जी को मिलता है तो, हमें पूरा विश्वास जैन धर्म के विकास और संरक्षण वो अच्छी तरह से कर पाएंगे।
2006 से अब तक 6 अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री और उनके कार्यकाल:
1 – अब्दुल रहमान अंतुलय 2006-09
2- सलमान खुर्शीद 2009-12
3- के रहमान खान 2012-14
4- निजमा हेपतुल्ला 2014-16
5- मुख़्तार अब्बास नक़वी 2016-22.
6- स्मृति ईरानी – 2022-2024.
19 सालो में सरकार से कितना पैसे अल्पसंख्याक मंत्रालय को मिला है:
2006-07- Rs.143 करोड़ .
2007-08 Rs. 363 करोड़
2008-09 Rs. 664 करोड़
2009-10 Rs.1740 करोड़
2010-11 Rs.2600 करोड़
2011-12 Rs. 2850 करोड़
2012-13 Rs.3135 करोड़
2013-14 Rs.3511 करोड़
2014-15 Rs.3711 करोड़
2015-16 Rs.3712 करोड़
2016-17 Rs.3800 करोड़
2017-18 Rs.4111 करोड़
2018-19 Rs.4700 करोड़
2019-20 Rs.4700 करोड़
2020-21 Rs.5029 करोड़
2021-22 Rs.5020 करोड़
2022-23 Rs.5020 करोड़
2023-24 Rs. 3090 करोड़
कुल -Rs. 52,879 करोड़
जैनियों अब तो जागो.अपना स्वाभिमान जगाओ, कितने दिन चुप रहेंगे ऐसे ही , अब नहीं तो कब?
जैन धर्म के विकास और संरक्षण के लिए इस मंत्री पद बहुत जरुरी है। आवाज उठाये इस बार जैन रत्न नवीन जैन को अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री बनाये।
~ महेश जैन✍🏻