बावनगजा ट्रस्ट कमेटी क्या भगवान महावीर की बात मानेगी
इंदौर ! ( देवपुरी वंदना )
चरितार्थ सत्य है कि जब जब मनुष्य ने अपने अहम ,वर्चस्व, नाम व पद की महत्वकांक्षा की है तब – तब स्वयं की ,परिवार की, और समाज की साख को गिराया ही इस से जैन समाज भली-भांति परिचित है।
फिर भी लालसा का कोई अंत नहीं होता विगत दिनों से मध्य प्रदेश के निमाड क्षैत्र का विश्व प्रसिद्ध बावनगजा तीर्थ जो कि वहां की ट्रस्ट कमेटी के चल रहे आपसी मान- प्रतिष्ठा और अपने – अपने वर्चस्व के लिए खिंचतान मे हुए चुनाव को मुद्दा बनाते हुए अदालत तक जा पहुंचा क्या जैन धर्म समाज के अनुयायियों से अब यही उम्मीद की जा सकती है कि अब उनके मान सम्मान के फैसले क्या अदालत या अन्य किसी सनातन धर्म के बंधु लेंगे क्या जैन समाज में अब कोई भी धर्म समाज के नाम पर आपसी सहमति या दूसरो का मान सम्मान रखना बंद कर दिया है ! अगर देखा जाए तो पूर्व में हुए चुनाव प्रक्रिया में अपने अपने व्यक्तिगत रुपयों की ताकत से पद लेने की कोशिश की गई जो कि नाकाम रही या कहे तो कुएं के मेंढक की तरह एक दूसरे की टांग खींच कर वापस उसी कुए मे ही बैठा लिया और अदालत का दरवाजा खटखटाया मगर साशन – प्रशासन का निर्णय अब सभी को मानना पड़ेगा क्योंकि हमारे समाजसेवी कुछ आप सी निर्णय नहीं ले पाए व अदालत गए जिसका हर्ष यह हुआ कि अब क्या करें ।
जिस भगवान महावीर के संदेशों को पूरा राष्ट्र अमल मे लाता हो या उदाहरण प्रस्तुत करता हो ऐसे भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याण महोत्सव पर जैन अनुयाई उनकी बातें क्यों नहीं मानता बल्कि उनको मानता जरूर है ऐसा क्यों ? बावनगजा ट्रस्ट कमेटी से पुनः देवपुरी वंदना समाचार परिवार निवेदन करता है कि अपने अहम वर्चस्व को मान सम्मान न बनाते हुए आने वाली 14 अप्रैल 2022 हमारे अंतिम तीर्थंकर आराध्य देव वर्तमान शासक नायक जियो और दो, अहिंसा परमो धर्म: जैसे संदेश देने वाले 1008 भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याण महोत्सव पर सभी मन मुटाव को दूर करते हुए आपसी सौहार्द में तीर्थ क्षेत्र व समाज का उत्थान करें। अब देखना है कि सन् 2009 मे हुए मतदान चुनाव के बाद हुए विगत दिनों के मतदान चुनाव जिसने अदालत तक जाने की नौबत आई वही चुनाव आगामी 15 अप्रैल 2022 को होने वाले हैं जिसमें 48 मतदाता नये अध्यक्ष के लिए मतदान करेंगे जिसने अब शेखर चंद पाटनी और सक्षमा गोघा चुनाव मैदान में है आप आपस में सामंजस्य बैठा कर समाज की गिरती साख को सभी को जोड़ते हुए बचाएं ।