21 जुलाई को कुलचारम (तेलंगाना) में साधना महोदधि अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्नसागर जी महाराज का वर्षा-योग कलश स्थापना 2024

हैदराबाद ! ( देवपुरी वंदना ) तेलंगाना वासियों के लिए यह बहुत ही खुशी का मौका है क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद तेलंगाना में फिर से पूरे चार महीने अध्यात्म की गंगा बहने जा रही है।और इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगा तेलंगाना का एकमात्र अतिशय क्षेत्र पार्श्वनाथ कुलचारम जो कि हैदराबाद से 80 कि.मी. है।


कुलचारम कमेटी के कार्यकारिणी सदस्य महावीर चांदवाड जी ने बताया कि तेलंगाना की धरा पर पहली बार साधना महोदधि, उत्कृष्ट सिंहनिष्क़ीडित ब्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज के संघ सानिध्य अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर महाराज के संघ सानिध्य अपने ससंघ मे 19 साधु – साध्वियों के साथ भव्य प्रवेश होने जा रहा है जिसके लिए ना केवल जैन समाज बल्कि दूसरे समुदाय भी बहुत उत्साहित हैं।
विदित है कि अंतर्मना तपाचार्य श्री 108 प्रसन्न सागरजी अपनी कठोर तपस्या और साधना के लिए जाने जाते हैं और देश भर के जैन श्रृद्धालुओं में बहुत ही लोकप्रिय और पूज्यनीय हैं।


आचार्य श्री का कुलचारम में भव्य प्रवेश 13 जुलाई 2024 को भव्य जुलूस में गाजे बाजे के साथ होगा और आगामी 21 जुलाई 2024 को चातुर्मास के लिए हजारों श्रावकों के बीच तप, साधना, आराधना का महा मंगल चातुर्मास कलश स्थापना का ऐतिहासिक आयोजन होगा। श्री 1008 विघ्नहर पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, कुलचारम, जिला-मेडक (तेलंगाना) श्री विघ्न-हरनेश्वर पार्श्व दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र या “चमत्कार का स्थान” 23वें तीर्थंकर को समर्पित एक तीर्थ है। इस मूर्ति ने चमत्कारी परिणाम दिखाए हैं और माना जाता है कि विघ्न-हरनेश्वर पार्श्व के दर्शन से सांसारिक चिंताएँ कम होती हैं और मनोवांछित फल की पूर्ति होती है। पार्श्व की मुख्य मूर्ति काले पत्थर से बनी है, जिसकी ऊँचाई 11 फीट और 3 इंच है, और यह खड़ी मुद्रा में है, जिसके ऊपर सात सर्पों के फन हैं और यह 9वीं शताब्दी की है। अभिषेक का जल सभी फन से बहता है और फिर सिर और कंधों से होता हुआ पैरों तक आता है। दूध से अभिषेक का दृश्य मोतियों की धारा जैसा दिखता है सभी को विदित हो कि इस मौके पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुलचारम कमेटी की तरफ से एक निश्चित धनराशि में भोजन, आवास और आने- जाने की बहुत ही उत्तम व्यवस्था की गयी है बाहर से जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं उन्हें टैक्सी चालकों के मनमाने किराये और होने वाली असुविधा से बचाने के लिए आगापुरा / कुलचारम कमेटी की तरफ से कुछ गाडियां लगायी जा रही हैं ताकि बिना परेशानी और आकुलता के आगंतुक आचार्य श्री के दर्शन के लिए जा सकें। अतिशय क्षेत्र कुलचारमन में गुरुदेव अब और कौन सी तप साधना कर श्रमण परंपरा का अनुसरण कर स्वयं का व श्रावक – श्राविकाओं के जीवन का मानवीय जीवन धन्य करते हैं।

गुरुदेव का जीवन परिचय :-

1.) जन्म – 23-07-1970
2.) जन्म नाम- श्री दिलीप जैन
3.) जन्म स्थान -छत्तरपुर (म. प्र.)
4.) माता का नाम – श्रीमती शोभा जैन
5.) पिता का नाम श्री अभय कुमार जैन
6.) गृहत्याग – 21-01-1986
7.) ब्रह्मचर्य व्रत – 12-04-1986
8.) मुनि दीक्षा – 18-04-1989, महावीर जयंती
9.) मुनि दीक्षा स्थान – परतापुर, राजस्थान
10.) मुनि दीक्षा गुरू – परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर गणाचार्य श्री 108 पुष्प दंत सागर जी महाराज
11.) आचार्य दीक्षा गुरु – गणाचार्य 108 श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज
12.) आचार्य दीक्षा स्थली – सोनकच्छ, देवास, मध्य प्रदेश
13.) आचार्य दीक्षा दिनांक – 29-11-2020

जो भी परिवार आचार्य श्री को आहार देने पुण्य लाभ लेने वाले श्रद्धालु हैं वो 4100 रु की राशि देकर एक दिन का चौका लगा सकते हैं, उनके लिए कमेटी की तरफ से ही बर्तन, भोजन बनाने और साफ सफाई के लिए हैल्परों की व्यवस्था रहेगी यदि उपरोक्त सामान की व्यवस्था स्वयं की है तो प्रतिदिन के हिसाब से कमरे का किराया 1200 रुपए है। वहीं चौका लगाने वालों को राशन सामग्री की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

चातुर्मास व्यवस्था और चौके से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें :-

सुमेर पाण्डया ‌‌ मो. न.9849002772

राजेश पहाड़े ‌ मो.न. 9849000414

चौका आरक्षक – शैलेंद्र शास्त्री 9441858600
चौका प्रभारी ‌- मनोज बकलीवाल 9246532934

मनोज झांझरी- 92465 25936
दिगम्बर भाई – 99507 14657

राहुल जैन – 9550855584

~ स्वाति जैन ✍🏻 हैदराबाद – 7013153327

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