3 जून से जैन पद्धति से गर्भ संस्कार एवं मार्गदर्शन शिविर

पुणे ! गर्भ संस्कार मनुष्य के लिए निर्धारित 16 संस्कारों में से एक है। यह शारीरिक विकास के लिए, गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत लाभदायक है। गर्भ संस्कार को अगर कम शब्दों में कहा जाए तो इसका मतलब है गर्भाधान के समय से ही बच्चे को शिक्षित करना।
गर्भाधान के समय से ही शिशु को हर प्रकार से सुशिक्षित और स्वस्थ बनाने के लिए अनेक धार्मिक संस्कार बताए गए हैं, जिनका पालन करना गर्भ संस्कार कहलाता है। प्राचीन काल से ही समाज में गर्भ संस्कार का बहुत महत्व रहा है। नवीनतम शोध और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने गर्भ संस्कार के महत्व को पहचानना शुरू कर दिया है। गर्भ संस्कार के बहुत सारे लाभ हैं। भ्रूण और माँ के बीच संबंध बच्चे के मस्तिष्क के विकास के साथ शुरू होता है। और गर्भ में पल रहा बच्चा माँ से सीखना शुरू कर देता है। माँ के स्वास्थ्य का गर्भ में पल रहे बच्चे पर बहुत प्रभाव पड़ता है। महिला की सकारात्मक सोच और बहुत अच्छा मूड महिला के शरीर के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी लाभ पहुंचाता है।
इसका शिशु के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए वीणा, बांसुरी आदि की मधुर धुनें बच्चे के लिए लाभदायक होती हैं। इससे बच्चे के मस्तिष्क और चरित्र का विकास तेजी से होता है और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अन्य लाभों में शामिल है शिशु का अच्छी नींद लेना और स्तनपान के दौरान बेहतर प्रतिक्रिया देना। किसी को ध्यान में रखते हुए श्री ग्लोबल दिगंबर जैन महासभा द्वारा जैन पद्धति से गर्भ संस्कार एवं मार्गदर्शन शिविर
बेबी प्लानिंग से लेकर डिलीवरी तक का सुनहरा सफर
मार्गदर्शक :-
डॉ. ज्योति शीतल कुमार जी गांधी पुणे
दिनांक 3 से 4 जून 2024 समय शाम 8:00 से 9:00 बजे
ऑनलाइन सेमिनार से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करें
जैनम 2 लिंक
https://us02web.zoom.us/j/4561081008?pwd=ekVjWlZwTFpha05ISmFQU2p3ejJNQT09

Meeting ID : 456 108 1008
Passcode : 0000

आयोजक :- श्री ग्लोबल दिगंबर जैन महासभा

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