वर्तमान युग संगठित रहने का युग है – आचार्य श्री 108 वसुनंदीजी महाराज

        

तिजारा जी ! ( देवपुरी वंदना ) अखिल भारतवर्षीय धर्म जागृति संस्थान का सप्तम राष्ट्रीय अधिवेशन श्री 1008 चंद्र प्रभु अतिशय क्षेत्र देहरा तिजारा जी के प्रांगण में स्थित चन्द्रगिरि वाटिका में परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसुनंदी महा मुनिराज ससंघ के सानिध्य व मार्गदर्शन में विगत दिवस को भव्यता के साथ पूरे देश से पधारे क़रीब सात सो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित हुआ ।
ध्वजारोहण के साथ हुआ शुभारम्भ धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री इंजीनियर भूपेंद्र जैन दिल्ली ने बताया कि अधिवेशन प्रातः प० शिखर चंद जैन के निर्देशन में ध्वजा रोहण के बाद मंगलाचरण , चित्र अनावरण , दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ । इसके बाद आचार्य श्री का पादप्रक्षालन धर्म जागृति संस्थान दिल्ली, निकुंज जैन, राजकमल सरावगी, अनिता जैन आदि ने तथा शास्त्र भेंट धर्म जागृति संस्थान अजमेर द्वारा किया गया ।
वार्षिक कार्य रिपोर्ट व सुझाव राष्ट्रीय मंत्री संजीव जैन व राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां ने केंद्रीय संस्थान की कार्य रिपोर्ट सदन के समक्ष रखने के बाद सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किए गए जिसमे पवन चौधरी अलवर, पदम जैन बिलाला, भाग चंद मित्र पुरा , यस जैन, रजत जैन धारूहेड़ा, राकेश जैन, सुनील पहाड़ियां, पंकज लुहाड़िया, रोबिन जैन पलवल, रचना जैन उत्तमनगर, राहुल जैन फरीदाबाद, विनीत उनेरिया अजमेर, सन्नी जैन उत्तम नगर, हरकचन्द बड़जात्या आदि ने कहा कि साधु संतों के आहार विहार में सहयोग हेतु युवा वर्ग में जागृति लाना, धर्म व जाति के कालम में जैन लिखना, जैन धर्म के साथ जैन जाति घोषित करवाने हेतु राज्य व केंद्र सरकार को ज्ञापन, मेल, पत्र लिखना, बच्चों व बड़ों को पाठशालाओं के माध्यम से संस्कारित करना आदि के सुझाव प्राप्त हुए तथा प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ के जन्म दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की माँग, साधु सन्तों के पद विहार में सुरक्षा की माँग, संतों के प्रवास हेतु भूमि / भवन की माँग, श्रमण संस्कृति बोर्ड में जैन शब्द जोड़ने व सभी राज्यो में गठन की माँग, प्राकृत भाषा के विकास हेतु बोर्ड व अध्ययन / अध्यापन व्यवस्था की माँग, अल्पसंख्यक बोर्ड आदि में जैन प्रतिनिधित्व की माँग सहित कई माँगे केंद्रीय / राज्य सरकारों के समक्ष रखने के सुझाव प्राप्त हुए। केंद्रीय समिति की और से आचार्य श्री से विचार विमर्श के बाद संयोजक सुरेश चन्द जैन गौतमनगर दिल्ली ने इन पर सहमति व्यक्त करते हुए शीघ्र कार्यवाही का निर्णय सदन को बताया। सदन में एक स्वर से धर्म सिखाओ धर्म बचाओ नारे के साथ सन्तो के विहार में सहयोग करो का नारा हुआ बुलन्द।
दूसरे सत्र में आचार्य श्री की अष्ट द्रव्य के साथ पूजन की गई। पूजन का मधुर वाचन वर्धस्व नंदिनी मातजी द्वारा किया गया तथा शाखाओ द्वारा एक-एक द्रव्य भक्ति के साथ झूमते हुए गुरुवर को अर्पित किए गए। पूजन कार्य की सुंदर व्यवस्था ज्ञान चंद जैन ने की थी।
आचार्य श्री 108 वसुनंदी महाराज ने अपने उद्धबोधन में प्राप्त सुझावों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कार्यकर्ता ही संघटन की रीढ़ होते है तथा वर्तमान युग संघठित रहने का युग है। संगठित समाज ही अपनी माँगे सरकार से पूर्ण कराने में सक्षम होता है। इसके बाद आचार्य श्री ने कहा कि काम करने वाले का सम्मान करना प्रोत्साहन व प्रेरणा का कार्य करता है।
आचार्य श्री ने उत्कृष्ट कार्य करने हेतु चयनित शाखाओ के नाम की घोषणा की जिन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी योगेश जैन मेरठ, निकुंज जैन दिल्ली, डॉ नीरज जैन, अतुल गांधी मुम्बई, रमेश गर्ग बोलखेड़ा, संजीव जैन, राजकमल सरावगी, संजय जैन बड़जात्या, देहरा समिति अध्यक्ष मुकेश जैन, नरेश जैन, शम्भू जैन द्वारा सम्मानित किया गया।
राजस्थान की प्रांतीय शाखा को संस्थान की राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ शाखा चुना गया जिसने पदम जैन बिलाला जयपुर की अध्यक्षता में समाज हित में महत्वपूर्ण कार्य संपन्न करने पर बिलाला को वसुनंदी महाराज के जयकारों व करतल ध्वनि के बीच सम्मानित किया गया। जिसके बाद उन्होंने सभी पदाधिकारीयो के साथ संघ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
राष्ट्रीय संस्थान द्वारा महिला वर्ग शाखा में प्रथम – उत्तम नगर दिल्ली, द्वितीय – ग्रीन पार्क दिल्ली तथा तृतीय – जनुथर जिला डीग व पुरुष वर्ग में प्रथम -अलवर, द्वितीय -मेरठ, तथा तृतीय – सलूम्बर को चयनीत किया गया।
श्री तिजारा क्षेत्र प्रबंध समिति द्वारा सभी केंद्रीय पदाधिकारियों का स्वागत सम्मान किया गया।
अधिवेशन में कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियो को सम्मानित किया गया जिसमे किरण जैन , हरक चंद, महेश काला, राजीव लाखना, भूपेश जैन, देवेंद्र जैन कठूमर, पवन जैन अलवर, प्रभास जैन राजकोट, संदीप सेठी फरीदाबाद, श्रेयांश जैन ग्रीन पार्क दिल्ली, घनश्याम जैन जनुथर, राजेंद्र जैन जयपुर, संजय सर्राफ कामां, सुंदरम जैन सलूंबर, सुरेंद्र जैन, प्रवीण जैन, दुलीचंद जैन, प्रेमचंद जैन तिजारा आदि प्रमुख रहे। आयोजन का कुशल व सुव्यवस्थित संचालन संजय जैन बडजात्या कामां, इंद्रा बडजात्या जयपुर व नमन जैन मेरठ द्वारा किया गया।
अधिवेशन के अंत में तिजारा क्षेत्र की प्रबंध समिति द्वारा सुंदर व्यवस्थाओं के लिए संस्थान द्वारा उनका अभिनंदन किया गया व धन्यवाद ज्ञापित किया गया। साथ ही राष्ट्रीय महामंत्री ने सभी शाखा सदस्यों व कार्यकताओं का आभार व्यक्त किया।

~ मनोज जैन नायक  ✍🏻

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