16 अप्रैल से अतिशय क्षैत्र बनेडिया जी में एशिया के सबसे बड़े तेरह द्वीप महामंडल विधान पर अर्ध समर्पित कर मनवांछित फल फल पाए

बनेडिया !  श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बनेडिया जी में वार्षिक मेला महोत्सव 2024 में तेरहद्वीप महामंडल विधान का दिनांक 16 अप्रैल से 23 अप्रैल 2024 तक का आयोजन होने जा रहा है। वार्षिक परम्परा अनुसार इस वर्ष भी अतिशय क्षेत्र श्री बनेडिया जी में वर्तमान शासन नायक 1008 भगवान श्री महावीर स्वामी की जन्म कल्याण महोत्सव के पावन अवसर पर आठ दिवसीय तेरह द्वीप महामंडल विधान महोत्सव का आयोजन आर्यिका श्री 105 आगममती माताजी के पावन सानिध्य में एवं बाल ब्र, श्री भावेश भैया जी ऊन के कुशल निर्देशन में आयोजित किया जा रहा है। सभी साधार्मि बन्धुओं से अनुरोध है। इस महामंगलकारी आयोजन में आपकी सहाभागिता आयोजन को गरीमा प्रदान करेंगी।

विधान में बैठने वालो की नि:शुल्क भोजन व्यवस्था क्षेत्र पर रहेगी। कृपया सभी सोशल ग्रुप ,संघ, मंडल ,संगठन, मंच एवं महिला मंडल अपना एक दिन का कार्यक्रम बनेडिया जी क्षेत्र के लिए बनाए जो भी ग्रुप आना चाहे गाड़ी की व्यवस्था क्षेत्र की तरफ से कर दी जाएगी मंडल विधान की पूजन के लिए। यह विधान एशिया का सबसे बड़ा मंडल विधान है। एक बार अवश्य पधार अपना मानवीय जीवन सार्थक बनाएं।
मंदिरजी से जुड़ी प्राचीन कथा की वजह से दुनियाभर के श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर यहां प्रकट हुआ है इसे बनवाया नहीं गया यह बात इसे बेहद चमत्कारी बनाती है। इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मौजूदगी में जब इस बात की सच्चाई जानने के लिए मंदिर की खुदाई करवाई गई तो लोग चौंक गए। खुदाई के बाद कहीं भी पक्की नींव नहीं निकली। बिना किसी ठोस नींव के इतने बड़े मंदिर की स्थापना को देखकर इंजीनियर और वैज्ञानिक भी चौंक गए। यह एक अष्ट कोणी भव्य मंदिर है जिसमें एक भी खंभा नहीं है और मंदिर की दीवारें 6 से 8 फीट चौड़ी हैं।
यहां पर चैतन्य चमत्कारी क्षेत्रपाल बाबा की पूर्णिमा को विशेष पूजा होती है जिसमें देश के कोने-कोने से श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह भारत का एकमात्र अतिशय क्षेत्र है जिसकी नींव नहीं है। यहां पूर्णिमा को पूजा में शामिल होने से हर मनोकामना पूरी होती है। इसी मान्यता के चलते कई श्रद्धालु लगातार 7, 8 या 15 पूर्णिमा तक यहां आते हैं। आकाश मार्ग से जाते हुए यहां से एक तपस्वी मुनिराज इस मंदिर को लेकर कहीं और जा रहे थे, किसी कारणवश उन्होंने मंदिर को यहां पर रखा और तपस्या करने लगे। तपस्या करते करते शाम हो गई तो मंदिर यहीं पर स्थापित हो गया। तभी से यह मंदिर यहां पर है। मंदिर जी में आराध्या भगवान श्री 1008 अजीत नाथ जी की आकर्षक मनोयोग्य मनवांछित फलदाई प्रतिमाजी विराजमान है।
विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें :- ‌संदीप जैन 9893713839, 93003631321

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