शीतल तीर्थ के पंचकल्याणक में कोई अतिशय होने वाला है :– आचार्य विशुद्ध सागर जी

बड़ौत (उ.प्र.) ! शीतल तीर्थ के प्रतिनिधि मण्डल ने तीर्थ अधिष्ठात्री डॉ सविता जैन के नेतृत्व में बड़ौत में वर्षायोग कर रहे प.पू. चर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर मुनिराज ससंघ के दर्शन कर उन्हें श्रीफल अर्पित किया ।
ज्ञातव्य हो कि आगामी वर्ष 2024 में 22 से 26 फरवरी तक श्री धर्मस्थल शीतल तीर्थ रतलाम का अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक पूज्य चर्या शिरोमणि गुरुदेव के मंगल सानिध्य में ही संपादित होगा । उसी सम्बंधी निर्देश हेतु प्रतिनिधि मण्डल ने आचार्य श्री से भेंट की ।
प्रातः कालीन प्रवचन सभा मे पाद प्रक्षालन का सौभाग्य इंदौर के श्रेष्ठी श्री हँसमुख जी गांधी को प्राप्त हुआ । सभा का मंगलाचरण डॉ सविता जैन ने किया ।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन को शून्य पर केंद्रित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि में जितना भी स्वाध्याय, सामायिक आदि आवश्यक क्रियाएँ करता हु वह सब शून्य होने की अपेक्षा से करता हूं, यह सुनकर विस्मित होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि केवल्य की प्राप्ति शून्य होने पर ही होती है, जो हर साधक चाहता है । में किसी भी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में जाता हूं तो शून्य होकर ही जाता हूं और सुनो शीतल तीर्थ रतलाम वालों शीतल तीर्थ पूज्य आचार्य श्री 108 योगीन्द्र सागर जी मुनिराज की साधना स्थली है और इस पंचकल्याणक में कोई न कोई अतिशय अवश्य होने वाला है ।
पंचकल्याणक समिति के महामंत्री डॉ अनुपम जैन ने तीर्थ की प्रगति के बारे में सभा मे सभी को बताया एवं सभी को इस महोत्सव में आने का निमंत्रण भी दिया ।
शीतल तीर्थ की ओर से आये प्रतिनिधि मण्डल में राकेश जैन ‘चपलमन’, महावीर गांधी, दिलीप सोनी ,जयंती पाणोत, प्रभात दोषी, विकास गांधी, सन्मति कासलीवाल आदि सदस्यो ने मंच से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के पोस्टर का भी विमोचन किया ।

राकेश जैन ‘चपलमन’✍🏻
9829097464

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