श्री महामंडल विधान पवित्र शक्तिशाली, आध्यात्मिक अनुष्ठान है-मुनि श्री 108पावन सागर जी महाराज

विश्व शांति, जीवों के कल्याण हेतु महायज्ञ एवं श्री जी के भव्य पालना शोभा यात्रा के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान का समापन हुआ
जयपुर ! श्री 1008 दिगंबर जैन मंदिर प्रबंध समिति गायत्री नगर, महारानी फार्म, जयपुर के तत्वाधान एवं श्री आदिनाथ महिला मंडल द्वारा परम पूज्य मुनि श्री पावन सागर जी महाराज मुनि श्री सुभद्र सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में शान्तिधारा सोधर्म इन्द्र इन्द्राणी सुनील अनीता रावका बयाना वाले परिवार द्वारा , सिद्ध चक्र महामंडल विधान मंडल पर सभी इन्द्र इन्द्राणियों ने सिद्धों के गुणों की आराधना करते हुए भक्ति के साथ कुल 2042 अर्घ्य मंडल अर्घ्य चढाये गये तत्पश्चात महायज्ञ नायक उदयभान जैन अनीता बड़जात्या व सभी इन्द्र इन्द्राणियों ने विश्व शांति व जीव कल्याण के लिए महायज्ञ तत्पश्चात श्रीजी की पालकी शोभायात्रा निकाली गई, मन्दिर जी में कलशाभिषेकं होने के साथ यह अनुष्ठान भक्ति व धर्म प्रभावना के साथ सम्पन्न हुआ।

आदिनाथ महिला मंडल की प्रचार मंत्री अनिता बड़जात्या ने अवगत कराया कि इस अवसर पर सोधर्म इन्द्र इन्द्राणी रावका परिवार, सहयोगी इन्द्र इन्द्राणी अरुण -ज्योति , प्रमिला शाह परिवार का स्वागत बीना टोंग्या, अनिल टोंग्या, निर्मल सेठी, अनिल गदिया, सारसमल- पदम झांझरी, एडवोकेट विमल जैन बाकलीवाल, अशोक कुमार जैन कासलीवाल फागी वाले, अशोक कुमार जैन विधानसभा आदि पदाधिकारियों ने किया।
विधानाचार्य अजित शास्त्री का सम्मान मन्दिर प्रबंध समिति व महिला मंडल की पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर परम पूज्य मुनि श्री 108 पावन सागर जी महाराज ने अपने मंगल आशीर्वचन में कहा कि गांव के जैन दर्शन में सिद्ध चक्र महामंडल विधान एक अत्यंत पवित्र शक्तिशाली और आध्यात्मिक अनुष्ठान माना जाता है इस विधान का उद्देश्य आत्मा को शुद्ध करना जीवन के ज्ञात अज्ञात पापों का प्रायश्चित करना है यह अनुष्ठान अनेक मित्रों और भी अक्षरों से युक्त होता है इस विधान की विधि विधान श्रद्धा भक्ति के साथ करने से जीवन भर किए गए पापों का क्षय होता है और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है ,यह विधान अष्टान्हिका महापर्व कार्तिक , फागुन,आषाढ़ माह में किया जाता है। पूज्य श्री ने सभी उपस्थित भक्तगणों को, विधान में शामिल सभी इन्द्र इन्द्राणियों को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
सभी मांगलिक क्रियाएं विधानाचार्य पंडित अजीत शास्त्री द्वारा संपन्न कराई गई, जिसके अन्तर्गत प्रदीप बाकलीवाल ने अभिषेक, श्री जी की पालकी सुभाष बज, अनिल टोंग्या, अनिल गदिया , विजय सोगानी को उठाने का सोभाग्य मिला चंवर ढुलाने का सोभाग्य महिमा अजमेरा, अनिल -रेखा झांझरी को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात श्रीजी की पालकी शोभायात्रा बैण्ड बाजों , मंगल कलशों , के साथ निकाली गई, मन्दिर जी में श्रीजी के कलशाभिषेकं हुए और श्रीजी वेदी में विराजमान किये।
समापन समारोह के अवसर पर आदिनाथ महिला मंडल की मंत्री बीना टोंग्या ने सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों का धन्यवाद, आभार व्यक्त किया ।
कुशल संचालन मंदिर प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष अरुण शाह द्वारा किया गया।
उदयभान जैन ✍🏻
जयपुर राजस्थान
