क्या ग्यारंटी है ‌कि इंदौर दयोदय ट्रस्ट श्रावको की आस्था ,श्रद्धा,भक्ति के दान के रुपयो के साथ पुन: खिलवाड़ नहीं करेगा

इंदौर ! (देवपुरी वंदना) स्वयंभू कहे या नाम,पद, मंच,माला के महत्वाकांक्षी पदैन व्यक्तित्व जो कि सिर्फ तीन चार ट्रस्टी मिलकर अपने स्वार्थ के वशीभूत आम श्रावक- श्राविकाओं की आस्था, श्रद्धा, भक्ति के दान के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं जिसका ट्रस्टीयो के मध्य पुन: पूर्णा‌वृत्ति हो रही है जिसे कल ही इंदौर शहर के दलालबाग परिसर में मुनि श्री 108 विनम्र सागर जी ससंघ की चातुर्मास स्थापना के दौरान मंगल कलश की बोली के करोड़ रुपए के उपयोग ‌की घोषणा को सुनने में मिला।
इससे शंका होने पर गुरुदेव सहित ट्रस्टियों से सही जानकारी चाहिए ‌ क्योंकि इस विचार का प्रत्यक्ष उदाहरण इंदौर दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट ने 300 करोड़ के सहस्त्रकूट जिनालय और मान स्तंभ की कार्य योजना के आड़े आए करीब चार करोड़ से ज्यादा के बने दो मंजिला यात्री निवास को बारूद (डायनामाइट) से तोड़ दिया था जिसमें 31 कमरों में चातुर्मास के दौरान आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज अपने 31 साधुओं के संघ के साथ रुके थे। भवन के तोड़ने के कारणों का जब मैने ट्रस्टियों से जानकारी लेना चाही तो मुझे मुनि व मंदिर विरोधी बताकर बात को दबाने का प्रयास किया कहा जा रहा है कि दान में आए समाज के पैसों का इस तरह दुरुपयोग उचित नहीं है। 27 एकड़ में फैले रेवतीरेंज स्थित तीर्थोदय धाम में सहस्त्रकूट जिनालय, संत निवास, बालिकाओं के लिए छात्रावास सहित कई निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। आचार्य श्री के आगमन के दौरान संत निवास तैयार न होने के चलते दो साल में बने यात्री निवास में आचार्य श्री संघ के साथ रुके थे। सूत्रों की माने तो तीर्थ स्थल का कोई मास्टर प्लान नहीं होने पर जिनालय की बड़ी कार्ययोजना में बाधक होने से भवन को हटाया गया या माने तो उड़ाया गया था!
अपनी आस्था श्रद्धा भक्ति से दान देने वाले सभी श्रावक श्राविकाओं से निवेदन है कि आप ट्रस्टियों से स्टांप पेपर पर लिखवा ले कि हमारे दान की रूपयो का कभी भी दुरुपयोग नहीं होगा !

अगर कोई ट्रस्ट अगर आपको संपूर्ण जानकारी नहीं देता है तो आप अपने अधिकार का उपयोग करते हुए !
इंटरनेट (गूगल) से मिली जानकारी अनुसार ‌:-
अगर कोई ट्रस्ट गलत निर्णय ले रहा है और समाज को इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है, तो इस स्थिति में आप निम्नलिखित कार्यवाही कर सकते हैं ! धर्मस्व विभाग में शिकायत दर्ज करना चाहिए प्रक्रिया इस प्रकार है आवेदन पत्र: एक औपचारिक आवेदन पत्र तैयार करें जिसमें ट्रस्ट के गलत निर्णयों और समाज को बिना बताए किए गए कार्यों का विवरण दें।
दस्तावेज़ और साक्ष्य संलग्न करें यदि आपके पास कोई दस्तावेज़ या साक्ष्य हैं जो आपकी शिकायत का समर्थन करते हैं, तो उन्हें आवेदन के साथ संलग्न करें
शिकायत जमा करें धर्मस्व विभाग के संबंधित जिला या राज्य कार्यालय में शिकायत जमा करें।
जिला कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज करना !
प्रक्रिया इस प्रकार है :- आवेदन पत्र: कलेक्टर कार्यालय में एक औपचारिक आवेदन पत्र तैयार करें – शिकायत का विवरण : आवेदन पत्र में ट्रस्ट के गलत निर्णयों का विवरण दें और समाज को बिना बताए किए गए कार्यों की जानकारी दें।
दस्तावेज़ और साक्ष्य संलग्न करें: आवश्यक दस्तावेज़ और साक्ष्य संलग्न करें। शिकायत जमा करें अपने जिले के कलेक्टर कार्यालय में शिकायत जमा करें न्यायालय में याचिका दायर करने कि प्रक्रिया इस प्रकार है!
वकील से परामर्श एक वकील से परामर्श लें और अपनी शिकायत और साक्ष्य उनके साथ साझा करें।
-न्यायालय में याचिका दायर करें वकील की सहायता से न्यायालय में याचिका दायर करें। न्यायालय ट्रस्ट के कार्यों की जांच का आदेश दे सकता है और आवश्यकतानुसार निर्णय ले सकता है।
सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना
प्रक्रिया इस प्रकार‌ है:-
-ऑनलाइन आवेदन सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर जाएं और ऑनलाइन आवेदन करें- शिकायत का विवरण: अपनी शिकायत का विवरण और संबंधित जानकारी दर्ज करें।
आवश्यक साक्ष्य अपलोड करें।
पोर्टल भी है !
[CPGRAMS (Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System)](https://pgportal.gov.in/)
आर .टी.आई.आवेदन (Right to Information Application) दायर करना:
प्रक्रिया यह है कि आर.टी.आई . आवेदन पत्र : एक RTI आवेदन पत्र तैयार करें जिसमें आप ट्रस्ट के निर्णयों और कार्यों की जानकारी मांगें।
संबंधित विभाग: आवेदन को संबंधित विभाग (जैसे धर्मस्व विभाग) में जमा करें।
सूचना प्राप्त करें: आर. टी. आई. के माध्यम से आपको ट्रस्ट के निर्णयों और कार्यों की जानकारी प्राप्त होगी।
समाज की बैठक बुलाना :-
प्रक्रिया – सदस्यों को सूचित करें: समाज के सदस्यों को एक बैठक के लिए सूचित करें।
बैठक में चर्चा करें ट्रस्ट के गलत निर्णयों और समाज को बिना बताए किए गए कार्यों पर चर्चा करें। सामूहिक निर्णय लें सामूहिक रूप से निर्णय लें कि आगे क्या कदम उठाया जाए, जैसे कि जांच की मांग करना या कानूनी कार्रवाई करना !
निष्कर्ष यह है कि
ट्रस्ट के गलत निर्णयों और समाज को बिना बताए किए गए कार्यों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आप धर्मस्व विभाग, जिला कलेक्टर, न्यायालय, सार्वजनिक शिकायत पोर्टल, आर.टी.आई. आवेदन, और समाज की बैठक का सहारा ले सकते हैं। इन माध्यमों के द्वारा आप ट्रस्ट के कार्यों की जांच और सुधार सुनिश्चित कर सकते हैं! पुनः श्रमण परंपरा व ट्रस्ट से जानकारी बाबद ,,,
9826649494 ✍🏻

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