आर्यिका 105 सुविख्यात मति का दीक्षा दिवस समारोह
आसाम ! गुजरात के विजयनगर में 05 जनवरी 1977 को जन्मी, सुश्रावक श्रेष्ठी श्री डाह्या भाई एवं श्रीमती चन्द्रा बहन की सुपुत्री, परम पूज्य गरिमा मती माताजी की सगी छोटी बहन, तप-त्याग-संयम की प्रतिमूर्ती, सन 1998 में कन्दमूल एवं सन 2000 में शुद्र जल, चाय एवं ऐलोपेथिक औषधि का आजीवन त्याग करने वाली, सन 1998 से अब तक प्रथमानुयोग शास्त्र का अनवरत अध्यन करने वाली, बेचेलर आफ फार्मा, मास्टर आफ फार्मा एवं PHD (हर्बल ड्रग्स) आदि डिग्रियों से सुशोभित, सन 2000 से 2008 तक आठ साल गुजरात के सरकारी कालेज में लेक्चरार, USA से फार्मा डिग्री प्राप्त, सन 2012 से 2015 तक गुजरात में हर्बल ड्रग्स consultancy पश्चात 2015 से 2018 के मध्य कनाडा में फार्मेसी कार्य में रत, विदेश में रहकर भी अपने त्याग-संयम का पालन करने वाली, 2018 में गृह त्याग कर पूज्या गरिमामती माताजी से पंचम प्रतिमा व्रत धारण कर संघ में शामिल एवं 2021 में आचार्य वर्द्धमान सागर जी महाराज से सप्तम प्रतिमा व्रत धारण करने वाली ऐसी स्वावलम्बी, दृढ़ संकल्पित, सादगी की प्रतिमूर्ती बा. ब्र. उर्वशी दीदी ने आज से एक वर्ष पुर्व 01 जून 2023 को परम पूज्य गरिमा मती माताजी के कर कमलों से डीमापुर की पुण्य धरा पर आर्यिका दीक्षा धारण कर आर्यिका 105 सुविख्यात मति माता जी नाम से विख्यात है जिनके दिक्षा दिवस पर हम सभी का कोटि कोटि वन्दामी।