इंदौर समवशरण पंचकल्याणक में पिच्छि का परिवर्तन हुआ व नेमी कुमार की बारात निकली

इंदौर। महावीर नगर में चल रहे पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत शनिवार को तप कल्याणक मनाया गया एवं श्रुत संवेगी मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज, मुनि श्री 108 अप्रमितसागरजी एवं सहज सागर जी महाराज ने
नियम, संयम के साथ जीवन जीने और विशुद्धि बढ़ाने का संकल्प लेने वाले तीन श्रावकों को अपनी पुरानी पिच्छिका प्रदान की एवं कई श्रावकों ने सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर त्रय मुनिराजों को नई पिच्छि भेंट की। पिछिका भेंट करने का सौभाग्य पंडित रतन लाल जी शास्त्री श्री आजाद जैन हंसमुख गांधी डॉक्टर जैनेंद्र जैन अरुण सेठी, राजेश दद्दू अशोक खासगी वाला सुरेश चंद जैन कीर्ति पांड्या, श्रीमती प्रभादेवी व मंजू अजमेरा आदि ने प्राप्त किया एवं मुनि श्री आदित्य सागर जी की पिच्छिका विकास पायल जैन ने, अप्रमित सागर जी की श्री हितेश सारिका जैन ने एवं मुनि श्री सहज सागर जी की पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य श्री विकास प्रीति बड़जात्या ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने अपने संक्षिप्त आशीर्वचन में कहा कि जीवन के वे क्षण बहुत पावन होते हैं जब जीव को संयम धारण करने के भाव आते हैं। नियम संयम का संकल्प लेकर पिच्छिका प्राप्त करने वालों को आशीर्वाद देते हुए मुनिश्री ने कहा कि अपनी विशुद्धि और संयम को बढ़ाएं। मुनि श्री ने कहा कि शांतिनाथ भगवान की स्फटिक मणि की प्रतिमा को जो लोग कांच की प्रतिमा बताकर प्रचारित कर रहे हैं उनकी आंख कांच की है श्रद्धा की नहीं। स्फटिक मणि की प्रतिमा शुद्ध स्फटिक मणि की, अतिशय कारी एवं ऊर्जावान है। प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद प्रतिमा जब समोसरण मंदिर में विराजमान होगी तब श्रद्धा एवं भाव भक्ति से दर्शन पूजन करने वालों के हृदय में सुख शांति की धारा बहा अपनी करुणा बिखेरेगी ।
नेमिनाथ जिन बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत पुलक चेतना मंच के नेतृत्व में महोत्सव स्थल महावीर नगर से नेमी कुमार की वैराग्य बारात निकली जिसमें हजारों की संख्या में महिला पुरुष बाराती के रुप में सम्मिलित हुए ।बरात में 20 बग्घियां,ई रिक्शा, तीन बैंड ,दो विंटेज कार चल रही थी जिनमें महोत्सव के पात्र विराजमान थे। श्री संजय गंगवाल नेमी कुमार, सुयश जैन बलभद्र एवं अतिशय जैन कृष्ण के रूप में बगघियों में परिवार सहित विराजमान थे ।मार्ग में जगह जगह बारात का ड्राई फ्रूट्स, कोल्ड ड्रिंक्स एवं श्रीफल भेंट कर और चंदन का टीका और माला पहनाकर बारात का स्वागत हुआ। एक किलो मीटर लंबी बारात ढाई किलोमीटर का भ्रमण कर तिलक नगर, साईं नाथ कॉलोनी एवं कनाडिया रोड होते हुए महावीर नगर महोत्सव स्थल पहुंची। पश्चात मुनि श्री के प्रवचन एवं राज दरबार नेमी कुमार के बैरागय प्रसंग की प्रस्तुति हुई। इस अवसर पर मुनि श्री ने कहा कि नेमी कुमार की बारात संसार की बरातों से
बिल्कुल अलग थी यह एक ऐसी बारात थी जिसने नेमी कुमार के मन में बैरागय का बीजारोपण कर दिया और नेमी कुमार के कदमो को ससुराल के बजाय सिद्धालय
जाने को प्रेरित कर दिया।

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