गिरनार जी में जैन मंदिर से अतिक्रमण हटाने को लेकर वाद -दायर

 

अलवर ! जूनागढ़ सिविल कोर्ट में सकल जैन समाज की ओर से खिल्ली मल जैन एडवोकेट अलवर एवं ग्वालियर निवासी सुभाष चंद जैन उर्फ दाऊ ने संयुक्त रूप से एक प्रतिनिधि वाद दायर किया है जिसमें जैन धर्म के पवित्र गिरनार तीर्थ क्षेत्र पर किए गए अतिक्रमण को हटाने एवं 15 अगस्त 1947 की स्थिति को बहाल करने की प्रार्थना की गई है तथा जैन तीर्थ यात्रियों को दर्शन पूजा में बाधा नहीं पहुंचाने हेतु व्यवस्था करने के लिए सरकार व प्रशासन को पाबंद किया जाने की मांग की गई है।
वाद में गुजरात सरकार, जिला कलेक्टर जूनागढ़ व केन्द्र सरकार, अल्पसंख्यक विभाग व पुरातत्व विभाग को पक्षकार बनाया गया है।
अलवर के वरिष्ठ एडवोकेट खिल्लीमल जैन ने बताया कि गुजरात की जूनागढ़ सिविल कोर्ट में जैन समाज की ओर से किरीट भाई संघवी एवं मुकेश सी कामदार एडवोकेट पैरवी कर रहे हैं। यह वाद दायर करने से पूर्व 25 जनवरी 2022 को मनोज कुमार जैन एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ने दो माह का मियादी नोटिस राज्य एवं केंद्र सरकार को प्रेषित किया था , जिसका उत्तर केंद्र सरकार के गृह विभाग द्वारा मनोज कुमार जैन एडवोकेट को भेजा गया था। उपरोक्त वाद दायर करने से पूर्व खिल्ली मल जैन व सुभाष चन्द्र ने पंडित विक्रम शास्त्री अलवर, पवन कुमार दीवान मुरैना, डॉ. पी.सी. जैन जयपुर, निर्मल कुमार पाटोदी इंदौर इंजी. कैलाश चन्द जैन आदि विद्वानों से सहयोग प्राप्त किया एवं यूनिवर्सल जैन लायर्स एसोसियेशियन (उजला)ने भी अपना सहयोग प्रदान किया है। उजला के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधांशु कासलीवाल जयपुर एवं उजला के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुशील कुमार जैन सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट आदि से मार्ग दर्शन प्राप्त किया है तथा आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी, आचार्य श्री108 सुनील सागर जी, आचार्य श्री 108 प्रज्ञसागर, आर्यिका श्री 105‌ ज्ञानमती जी,105 कुमुद मति माताजी से आशीर्वाद प्राप्त किया है। न्यायालय ने सारे वाद-पत्र के तथ्यों को पढऩे के उपरांत समाचार पत्र में प्रतिनिधि वाद दायर किए जाने के नोटिस जारी करने के आदेश प्रदान किए हैं।
इस प्रकार जैन धर्म की धरोहर गिरनार तीर्थ के प्रकरण का अब सिविल न्यायालय निर्णय करेगा

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