स्मार्टनेस कपड़ों से नहीं विचारों से… आर्यिका रत्न 105 स्वस्तिभूषण माताजी
पदमपुरा! आप की धैर्य, सोच और अपनी वाणी इन तीन चीजों पर नियंत्रण होना चाहिए। किसी भी कार्य में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। भावुकता एवं खुशी के समय कोई वादा नहीं करना चाहिए। गुस्से में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि गुस्से एवं क्रोध में लिया गया निर्णय कभी भी उचित नहीं होता है। रिश्ता जल्दी बन जाता है लेकिन उस रिश्ते को निभाना बहुत कठिन है। अत: अपने संस्कारों को कभी ना भूले। स्मार्टनेस कपड़ों से नहीं विचारों से होती है।
उक्त विचार से गणिनी आर्यिका रत्न 105 स्वस्ति भूषण माताजी ने बाडा पदमपुरा में आयोजित स्मार्ट गर्ल प्रशिक्षण शिविर में व्यक्त किए।
इससे पूर्व भगवान के चित्र का अनावरण विशिष्ट अतिथि समाजसेविका अंजना काला व दीप प्रज्वलन श्रीमती सुशीला पाटनी ने किया वही
दित्तीय सत्र में विजया देवी कटारिया परिवार एवं उत्तम कुमार पाण्ड्या परिवार ने माताजी के पाद पक्षालन का सौभाग्य प्राप्त किया।
इस अवसर पर चातुर्मास सेवा समिति एवं श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति की ओर से तिलक, माला, दुपट्टा पहनाकर व 105 स्वस्ति भूषण माताजी का चित्र भेट कर अतिथियों का स्वागत -सम्मान किया गया पदमपुरा क्षेत्र कमेटी चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष एडवोकेट सुधीर जैन ने स्वागत उदबोधन देते हुए बालिकाओं को धर्म एवं सेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहने का आव्हान किया।
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श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति राजस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष शीला डोड्या ने महासमिति द्वारा की जा रही सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं समाज के उत्थान की जानकारी दी
मुख्य अतिथि सुशीला पाटनी ने अपने उदबोधन में बालिकाओं को रहन सहन, पहनावा, दिनचर्या में शालीनता बरतने एवं बडे बुजुर्गों का आदर करने सहित प्रतिदिन देव दर्शन, करने, ध्यान, योग, प्रतिक्रमण में समय देने का आव्हान किया
मुख्य वक्ता पूणे की डॉ. ममता जैन ने मोटिवेशनल उदबोधन देते हुए विदेश में अपने प्रसंगों व अनुभवों के माध्यम से देशी विदेशी संस्कारों की तुलना कर स्मार्ट नेस के पैरामीटर को समझाया। उन्होंने कहा
संस्कार समन्वित शिक्षा स्मार्ट गर्ल बना सकती है।शिक्षित होना अच्छी बात है पर शिक्षा के साथ गलत आदतें गलत संस्कार नहीं पालने चाहिए।
जयपुर के वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर, मोटिवेशनल स्पीकर सौरभ जैन ने जोशीला उदबोधन देते हुए स्मार्ट गर्ल की परिभाषा बताई। उन्होंने कहा कि आजकल दुखी होने का काम्पीटिशन चल रहा है ।सपनो के लिए कभी भी अपनो से दूर नही होना चाहिए।अपनो के बिना सपनों का कोई मूल्य नहीं होता है। वही मुंबई से आए हुए डॉ युवराज जैन ने बालिकाओं को झांसी की रानी बनने के लिए प्रेरित करते हुए शेर – शायरियों के माध्यम से जिंदगी में मुसीबतों से हार कर कमजोर होने की बजाय दुगुने जोश से मुसीबतों से लडने के गुण सिखाये।
चातुर्मास कमेटी के उपाध्यक्ष विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने 105 स्वस्ति भूषण माताजी मंगल कलश योजना के बारे में जानकारी देते हुए 2100/- रुपये के सहयोग कूपन से सहभागिता निभाने का आव्हान किया। इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली 55 बालिकाओं को ‘पद्म प्रभ’ सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सुधा सागर महिला महाविद्यालय सांगानेर की छात्राओं द्वारा लव जिहाद की शिकार अविवाहित युवतियों पर नाट्य प्रस्तुति देते हुए अन्तर्जातीय विवाह मैं होने वाली मुश्किलों पर प्रकाश डाला।
आयोजन में 15 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित बालिकाएं एवं सैकडों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।मंच संचालन महासमिति राजस्थान अंचल अध्यक्ष शालिनी बाकलीवाल एवं डॉक्टर वन्दना जैन ने किया अंत में आभार महामंत्री डिम्पल गदिया ने व्यक्त किया।