10 वर्षीय अक्षीका जैन की फीस के पैसे चोरी हुए तोे पिता पहुंचे आत्महत्या करने…

छतरपुर ! ( देवपुरी वंदना )
शिक्षा का बहुत महत्व होता है यह एक पिता से ज्यादा कौन जान सकता है। चाहे पिता स्वयं कम पढ़ा – लिखा हो मगर अपने बच्चों के लिए सब कुछ दांव पर लगाकर भी वह उनकी शिक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ता। वह अपनी जान तक देने के लिए तैयार हो जाता है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण मध्य प्रदेश के छतरपुर निवासी श्री भरत जैन का है जो कि 10 वर्षीय बिटिया अक्षीका कि शिक्षा के लिए उनके निकटतम क्षेत्र तिलवारा स्थित दयोदय प्रतिभा स्कूल में‌ एडमिशन दिलाने के लिए घर से निकले मगर रास्ते में ही उनके ₹30000 किसी ने मौका पाकर गायब कर दिये, जिसका इतना गहरा सदमा उन्हें लगा कि वह ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने पहुंच गए मगर वहां स्थित पुलिस व बच्ची की सतर्कता ने उन्हें बचा लिया, जो कि बहुत प्रसन्नता का कार्य हुआ वरना एक बच्ची से उसके पिता का साया हमेशा के लिए उठ जाता व समाज भी कुछ नहीं कर पाता। विकास दिवस एक पिता की इतनी बड़ी मजबूरी रही की वह अपनी होनहार बेटी की शिक्षा के लिए दर-दर भटकते हुए गांव वालों से रुपए एकत्रित किए और गांव वालों ने शिक्षा के लिए, एडमिशन के लिए पिता व बेटी को भेजा था मगर होनी कुछ और ही कह रही थी। भरत जैन के अनुसार वह दीनदयाल चौक से मेडिकल के बीच में किसी ने एडमिशन के ₹30000 उनकी जेब में से निकाल लिए जब उनको पता चला तो उन्होंने जिस – जिस जगह सें वह निकले वहां पर बहुत ढूंढे मगर पैसे नहीं मिले इससे वह बहुत ज्यादा दुःखी हो गए और साथ-साथ उनके पुनः गांव में लौटने के लिए सभी रूपए खत्म हो गए। उन्होंने वहां स्थित बस स्टैंड चौकी के पास अपनी बेटी को छोड़ा व ट्रेन से आत्महत्या करने निकल गए क्योंकि वह जानते थे कि पुलिस किसी भी तरह उनकी बेटी को उनके घर तक पहुंचा देगी।
मगर जब तक जिसकी आयु लिखी हो तब तक कोई कुछ भी नहीं कर सकता। यह सब ऊपर वाले का करिश्मा ही रहता है। जब भरत जैन अपनी बेटी को छोड़कर बस स्टैंड चौकी से जा रहे थे तब वहां के चौकी प्रभारी श्री नितिन पांडे ने अकेली बच्ची को देख लिया जब उन्हें कुछ शक हुआ तो उन्होंने वहां स्थित आरक्षक हेमराज को साथ लेकर बच्ची को बाइक पर बैठा कर उसके पिता को ढूंढने निकले और ढूंढते – ढूंढते वहां स्थित शास्त्री ब्रिज के नीचे के रेलवे ट्रैक पर भरत जैन को देखा। चौकी प्रभारी और आरक्षक उन्हें जैसे – तैसे समझाते हुए चौकी पर लाए‌। वहां पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद समझाइश देते हुए और खाना खिलाने के बाद दोनों बाप बेटियों को उनके गांव की बस में बैठाया।
इस विचारणीय घटनाक्रम के बाद अच्छी व सकारात्मक सोच के साथ समाज के श्रेष्ठी वर्गो व आम जनमानस से देवपुरी वंदना समाचार परिवार निवेदन करता है कि कृपया ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति ना हो सभी समस्याओं का समाधान निकलता है कृपया कर एक – दूसरे का मानवीय सहयोग अवश्य करें।

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