भारत को समझने के लिए हिन्दी को अपना रहे विदेशी – कैलाश विजयवर्गीय
इन्दौर। हमारा साहित्य बहुत समृद्ध है, हमें इसे समृद्ध मानना होगा। हिन्दी की दुर्दशा कभी नहीं हो सकती। अब तो हाल यह है कि भारत को समझने के लिए विदेशी भी हिन्दी सीख रहे हैं।'
यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश…
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