6 -7 जून को लंदन में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इंदौर की डॉ. प्रगति जैन भारत का प्रतिनिधित्व करेगी
इंदौर ! (देवपुरी वंदना) जैसा नाम वैसा काम प्रगति जैन प्रगति के पथ पर सतत निरंतर आगे बढ़ते हुए हमारे इंदौर शहर की शान शिक्षाविद्, गणितज्ञ, और लेखिका डॉ. प्रगति जैन आगामी 6 -7 जून 2025 को लंदन मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी में आयोजित होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन Frontiers of Intelligent Computing: Theory and Applications” में भारत का ही नहीं, बल्कि हमारे आराध्या श्री 1008 महावीर स्वामी जी के अनेकांतमयी दर्शन का भी प्रतिनिधित्व करेंगी। वे “Explainable Artificial Intelligence through Syadvada Logic ” पर शोधपत्र प्रस्तुत विषय करेंगी, जिसमें स्याद्वाद जैसे जैन तर्कशास्त्र के सिद्धांतों के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को अधिक मानवीय, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक अभिनव दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है। यह शोध Springer Publication जैसे विश्वविख्यात प्रकाशन में प्रकाशित किया जाएगा। श्रीमती डॉ. जैन का यह शोध भारतीय ज्ञान परंपरा, विशेषकर जैन दर्शन की वैज्ञानिकता और तर्कसंगत सोच को वैश्विक मंच पर सामने लाने का एक सशक्त प्रयास है।
अपने शोध के उद्देश्य पर डॉ. जैन कहती हैं: “जैन दर्शन केवल मोक्ष मार्ग नहीं, बल्कि विवेकपूर्ण जीवन और विज्ञान के लिए भी मार्गदर्शक है। स्याद्वाद हमें सिखाता है कि हर पक्ष में कुछ सत्य होता है, और यही दृष्टिकोण जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता में आएगा, तो तकनीक अधिक करुणामयी और संतुलित बन सकेगी।”
डा. प्रगति जैन, दिगंबर जैन समाज की पहली महिला है जिन्होंने कंप्यूटर तकनीक व ए. आई. को जैन दर्शन व स्यादवाद से जोड़ा है। जैन समाज के लिए हर्ष और प्रसन्नता का विषय है कि डा. प्रगति जैन ने वैश्विक स्तर पर यह प्रतिष्ठा प्राप्त की हैं। उनका प्रस्तावित मॉडल यह दर्शाता है कि भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित अनेकांतवाद और स्याद्वाद आज के जटिल तकनीकी प्रश्नों का भी संतुलित और विवेकपूर्ण समाधान दे सकते हैं। डा. प्रगति जैन वर्तमान में श्री कनकेश्वरी देवी शासकीय महाविद्यालय इंदौर में प्राध्यापक गणित के पद पर अपनी उल्लेखनीय सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
डॉ. प्रगति जैन की और भी उपलब्धियाँ है :
दिगंबर जैन समाज के लिए गर्व का विषय हैं कि आप मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित प्राध्यापक हैं, और अब तक 50 से अधिक शोध पत्र, 9 पुस्तकें, तथा 3 पेटेंट उनके नाम दर्ज हैं। उनकी पुस्तक The Power of Pause: From Reaction to Response’ अमेज़न की बेस्ट सेलर रही है। उनके निर्देशन में अब तक तीन शोधार्थी पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। डॉ. प्रगति जैन ने पहले भी मलेशिया की राजधानी कुआला लुम्पुर में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है!
डॉ. प्रगति जैन की राष्ट्र व समाज के प्रति लगन व मेहनत रंग ला रही है !
देवपुरी वंदना समाचार पत्र आपको अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाई देता है !