इंदौर में 30 अप्रैल 2025 को आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागरजी का “पट्टाचार्य महामहोत्सव” का भव्य आयोजन
नांदेड़ ! (देवपुरी वंदना) इक्कीस्वी सदी के एक दूर – द्रष्टा युवाओं के प्रेरणा पूज्य आध्यात्मिक प्रवचनों के सफल प्रस्तुत अलौकिक व्यक्तित्व एवं विराट कृतित्व के धनी, बीच राजी श्रमण संस्कृति के आध्यात्मिक सद्गुरु दिगंबर आचार्य का नाम है. अध्यात्म योगी विशुद्ध सागर जी उगते यौवन के युवाओं को आध्यात्मिक की ओर अग्रसर कर उनकी स्विफ्ट मानवीय चेतना को पुर्नजागृत कर जीवन मूल्यों और अहिंसा का दिव्य अवदान देने वाले अग्रदूत हैं पूज्य श्री सहज सरल व्यक्तित्व के धनी नवीन दृष्टिकोण अद्भुत चिंतन एवं आकर्षक लेखन कला में निषाद महाप्रज्ञ बंद नीति निपुण चेतन रसायन के अनुदेशक वितारागी वैज्ञानिक है आचार्य बसु सागर जी मुनि नाथ ठीक है दृष्टि सत्य सत्य की साधना आगम अनुसार आचरण गुरु परंपरा अनुसार चरित्र चलन में लवलीन आप एक ओजस्वी तपस्वी साधन हैं या कहूं जान-जान को सद्बोध देने वाले आध्यात्मिक सद्गुरु जिनकी विशेषता है कि वह सभी को अपने लगते हैं पथ परंपराओं अंदरूनियों से परे विजार्ड विचार समीचीन सोच के धारक हैं पूज्य श्री ने बताया में निशांत सत्य संयम की आराधना में तल्लीन व्यापक वैज्ञानिक दृष्टिकोण उधर मन अनुभवी नीति निपुण परोपकारी अध्ययनशील पंचाचार्य एवं वत्सल में आध्यात्मिक अभिरुचियों में रचे पाच जान प्रिय आध्यात्मिक गुरु हैं | इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए हाल ही में आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के देह परिवर्तन के पश्चात आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी को ही मुनि संघ की बागडोर दी गई है।आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी का जन्म 18 दिसम्बर 1974 को भिडं (म.प्र.) मे हुआ था | उनके पिता का नाम राम नारायण जी ( मुनि श्री विश्वजीत सागर जी ) व माता का नाम श्रीमती रत्तीबाई है | आचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज द्वारा क्षुल्लक दीक्षा ( 11 अक्टुबर 1989 भिडं) , ऐलक दीक्षा (19 जून 1991पन्ना) , मुनि दीक्षा (21 नवंबर 1991 श्रेयासं गिरि) एवं आचार्य पद (31 मार्च 2007 महावीर जयन्ती औरंगाबाद महाराष्ट्र) प्राप्त किया | विशुद्ध सागर जी महाराज दिगंबर समाज मे एकता के लिए जानते है मूल से तो 20 पंथी परंपरा के है पर ज्यादातर बुंदेलखंड में 13 पंथ परंपरा का पालन करते है, और अपने मीठे प्रवचनों के लिए जाने जाते है!
भारत देश की पुण्य शाली धरा पर एक और ऐतिहासिक अस्मरणीय भव्य आयोजन परम पूज्य युग सर्वोत्कृष्ट समाधिष्ट सम्राट गणाचार्य गुरुवर श्री 108 विराग सागर जी महाराज का पट्टाचार्य पद परम पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री 108 विशुद्ध सागरजी महा मुनिराज का
”पट्टाचार्य महामहोत्सव”
संभावित आगामी दिनांक 30 अप्रैल 2025 से 5 मई 2025 तक मध्य प्रदेश प्रांत के संभवतः इंदौर शहर में ऐतिहासिक भव्यता और वृहद रूप से मनाया जाएगा ! जिसमें लगभग 400 से अधिक साधु – संतों के सानिध्य एवम् विशाल श्रमण संघ की उपस्थिति में होगा भव्य ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है जिसमें 02 मई 2025 को परम पूज्य गणाचार्य गुरुवर विराग सागर जी का जन्म जयंती महामहोत्सव भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा !
शेष विस्तृत जानकारी समय अनुरूप घोषित की जाएगी!
संदीप पहाड़े ✍🏻