इंदौर दिगंबर जैन समाज में एक सफल नेतृत्वकर्ता का अभाव कब तक रहेगा

इंदौर ! (देवपुरी वंदना) पिछले कई वर्षों से जैन समाज के हृदय स्थल कहे जाने वाले इंदौर दिगंबर जैन समाज कई बार अपने आप को लाचार मान चुका है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण तीर्थ क्षेत्र गोमट गिरी जहां बुलडोजरों द्वारा पहाड़ी काटना समाज के नेताओं द्वारा उसे रोकने का असफल प्रयास पुलिस थाने में महिला पुरुषों द्वारा बिना तथ्य लिए धरना प्रदर्शन से कोई अनजान नहीं है इसके साथ-साथ अब शहर में होने वाले धार्मिक, सामाजिक आयोजन जिसमें नाम पद की बढ़ती महत्वाकांक्षा चाहे वह श्रमण संस्कृति के रक्षार्थ गुरुवरो का चातुर्मास हो, पंचकल्याणक हो, या मुख्य आयोजन महावीर जन्म कल्याण महोत्सव हो आज कुछ नाम पद के महत्वाकांक्षी अवसरवादी समाज सेवको मैं चली आ रही प्रतिस्पर्धा के कारण आम श्रावक – श्राविका इतवारिया बाजार अध्यक्ष या कीर्ति स्तंभ अध्यक्ष से अपने आप को ढगा सा महसूस करते हैं क्योंकि आज नेतृत्वहीन इंदौर दिगंबर जैन समाज मैं सिर्फ अपने-अपने क्षेत्र कॉलोनी के मंदिरों में भी अपने नाम की होड -जोड़ सी लगी है व जो अपने-अपने मंदिरों के अध्यक्ष या पदाधिकारी बन बैठे हैं वह सिर्फ अपनी मनमर्जी की चलाते हैं चाहे क्षेत्रीय या उस मंदिर से जुड़े श्रावक -श्राविकाओं व दुनिया छोड़ चुके उनके परिजनों की आस्था श्रद्धा भक्ति व दान के रूपयो के साथ खिलवाड़ करने में भी नहीं चुकते जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण शहर के पश्चिम क्षेत्र के स्मृति नगर मंदिर प्रकरण सभी को याद होगा जहां विगत पर्यूषण पर्व पर हुए विवाद जिसमें आपसी मारपीट वह भी शोलो के वस्त्रों में मंदिर से लेकर पुलिस थाने तक पुरुषों के साथ महिलाओं की दौड़ दूसरा उदाहरण खातीवाला टैंक स्थित दिगंबर जैन मंदिर की भी खबर आप सब तक होगी इस तरह इंदौर दिगंबर जैन समाज का स्तर दिन पर दिन धूमिल होता जा रहा है नेतृत्वविहीन दिगंबर जैन समाज इंदौर में कहने को तीन सामाजिक संसद के अध्यक्ष व पदाधिकारी है मगर वह भी सिर्फ आयोजनों में नाम व पद की शोभा बढ़ाते हुए इंदौर जैन समाज में आवश्यक उपयोगी कार्यों को अनदेखा कर सिर्फ फोटो सेशन वह समाचार पत्रों में नाम के साथ छाए रहने में मशगूल रहते हैं सामाजिक दायित्व को निभाते हुए देवपुरी वंदना समाचार पत्र ने समय रहते हमेशा सतर्क व सावधान किया मगर सिर्फ नाम की चाह में सभी असफल अध्यक्ष स्थानीय तौर पर दिगंबर जैन समाज इंदौर को कुछ नहीं दे पाए बल्कि उल्टा समाज के धरोहर को धूमिल करते रहे इंदौर दिगंबर जैन समाज में नये नेतृत्वकर्ता ( अध्यक्ष ) ऐसा हो जो पूरे इंदौर शहर में स्थित दिगंबर जैन मंदिरों के पृथक-पृथक अध्यक्षों को अपनी कार्य कुशलता से एकत्रित कर समाज में फैल रहे संतवाद – पंथवाद के साथ मंच ग्रुप संगठन मंडल व अन्य संस्थाओं को सामाज हित हेतु आवश्यक कार्य के लिए प्रोत्साहित करें न कि मतभेद को मन भेद में बदलने की हवा को गति दे पिछले कई वर्षों से इंदौर दिगंबर जैन समाज की पारिवारिक स्थिति से सभी अनजान है जनगणना न होने के कारण कोई भी व्यापारिक, शैक्षणिक, राजनैतिक, स्वास्थ्यप्रद लाभ नहीं ले पा रहे बल्कि इन सभी क्षेत्रों में तेजी से पिछड़ते जा रहे हैं ? पुनः देवपुरी वंदना समाचार पत्र अपना दायित्व निभाते हुए इंदौर दिगंबर जैन समाज से यह अपेक्षा रखता है कि कोई तो जैन सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक परिभाषा को समझते हुए शूरवीर होगा जो इंदौर दिगंबर जैन समाज का सफल नेतृत्व कर सके व समाज की शाख पुन: अपने पूर्वजों द्वारा दी गई धरोहर को संजोकर रख सके । आपकी निगाह में अगर कोई इंदौर दिगंबर जैन समाज का निर्भीक नेतृत्व करने की चाह रखता हो या हनुमान की तरह अपनी शक्ति से अनजान हो तो आप हमें बताएं हम उनकी शक्ति का उपयोग कर इंदौर दिगंबर जैन समाज को एक नई दशा व दिशा के साथ युवा ताकत व अनुभव शाली नए आयामों से इंदौर दिगंबर जैन समाज को खोई हुई पुन: एकता की माला में पिरोने का प्रयास करें कहां जाता है जब तक सांस है तब तक आस है।

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