विश्व शांति के लिए ऐतिहासिक सामूहिक श्री भक्तामर स्तोत्र पाठ पूरे देश में एक साथ 9 अक्टूबर को प्रातः 9 बजकर 9 सेकंड ओर 9 मिनट पर …

छत्रपती संभाजीनगर ! (देवपुरी वंदना ) जैन धर्म के महा मंगलकारी स्तोत्र ‘श्री भक्तामर स्तोत्र’ का विश्व स्तर पर प्रचार करने और सम्पूर्ण विश्व में शांति एवं सद्भाव स्थापित करने के उद्देश्य से, गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को छत्रपती संभाजीनगर से पूरे देश में एक समय पर एक साथ एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय ‘श्री भक्तामर दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प अंतर्राष्ट्रीय श्री भक्तामर प्रभावना संघ और सकल जैन समाज भारत ने लिया है। यह भव्य समारोह बीड बायपास रोड, शाहनूर मियाँ दरगाह पुल के पास स्थित जाबिंदा ग्राउंड में बनाए गए विशाल, वॉटरप्रूफ ‘श्री भक्तामर देशना मंडप’ में संपन्न होगा। आयोजकों ने छत्रपती संभाजी नगर जिले के सभी जैन समाज के बंधु-भगिनियों से इस सामूहिक स्तोत्र पाठ समारोह में बड़ी संख्या में भाग लेकर जैन समाज की एकता प्रदर्शित करने का विनम्र आह्वान किया है।

छत्रपती संभाजीनगर में चल रहे चातुर्मास के उपलक्ष्य में, सकल जैन समाज की ओर से विभिन्न स्थानों पर विराजित सभी पूज्य साधु-संतों को निमंत्रण दिया गया है। इनमें परमपूज्य श्री डॉ. प्रणाम सागरजी गुरुदेव ससंघ, परमपूज्य जन संत उपाध्याय श्री विरंजन सागरजी गुरुदेव ससंघ, और परमपूज्य चर्या शिरोमणि श्री प्रभाव सागरजी महाराज शामिल हैं। इसके अलावा, बजाज नगर में विराजित पूज्य आर्यिका श्री विपुलमती माताजी ससंघ, साथ ही श्रमणसंघीय उपप्रवर्तनी ओजस्वी वक्ता परम पूज्य श्री सुमनप्रभा जी म.सा. आदी 7, जिनशासन प्रभाविका परम पूज्य श्री प्रविणाजी म.सा. आदी 6 मधुर व्याख्यानी परम पूज्य श्री आराधनाश्री जी म.सा. आदी 2 परमपूज्य साध्वीवर्या श्री विरतीप्रभाश्री जी म.सा. आदी4, और पुनीतप्रज्ञाश्री जी म.सा. आदी 3 को भी जैन समाज ने आदरपूर्वक आमंत्रित किया है।
भक्तामर स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंग ने भगवान श्री आदिनाथ जी (पहले तीर्थंकर) की स्तुति के लिए की थी। यह केवल एक स्तोत्र नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और मुक्ति का संगम है। ऐसी मान्यता है कि इसके प्रत्येक काव्य (श्लोक) में विशेष मंत्र शक्ति निहित है, जिसके नित्य पाठ से कई लोगों के रोग, शोक, भय और पीड़ा दूर होते हैं। यह स्तोत्र परिवार में सुख, शांति, समृद्धि और वैभव लाता है, साथ ही इसके श्रवण-पठन से आत्मिक शांति और बौद्धिक विकास भी होता है।
आचार्य श्री ने अपनी प्रभावी वाणी और साहित्य के माध्यम से भक्तामर स्तोत्र के सामर्थ्य को दुनिया भर में पहुँचाया है। उन्हीं की प्रेरणा से 9 अक्टूबर को सामूहिक पाठ का यह संकल्प विश्वव्यापी हुआ है। भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, दुबई, कुवैत, जर्मनी, जापान, साउथ अफ्रीका जैसे कई देशों के श्रद्धालु ऑनलाइन माध्यम से इस समारोह में शामिल होंगे। यह समारोह भारतीय इतिहास में पहली बार आयोजित हो रहा है, जिसमें 48 आचार्य श्री भगवंत ऑनलाइन जुड़कर स्तोत्र का एक-एक काव्य पाठ करेंगे। यह इस आयोजन की एक विशेष उपलब्धि है।
इस समारोह की तैयारी के लिए खंडेलवाल दिगंबर जैन पंचायत पार्श्वनाथ मंदिर के अंतर्गत सभी जिनालयों, सकल जैन समाज छत्रपती संभाजीनगर और श्री भक्तामर प्रभावना रजत वर्षायोग समिति ने जोरदार तैयारी की है। कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ सुबह ठीक 7:00 बजे होगा। जाबिंदा ग्राउंड पर बने इस विशाल वॉटरप्रूफ देशना मंडप में 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं और समाज बंधुओं के बैठने की समुचित व्यवस्था की गई है, जिससे यह उपस्थिति एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज करेगी।
इस समारोह का मुख्य आकर्षण सुबह ठीक 9 बजकर 9 मिनट और 9 सेकंड (9:09:09) पर होने वाला सामूहिक स्तोत्र पाठ है। एक ही समय पर, एक ही स्वर में इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ कर विश्व शांति का शंखनाद किया जाएगा।
भक्तामर दिवस के उत्साह को बढ़ाने के लिए, 9 अक्टूबर को आचार्य श्री 108 डॉ. प्रणाम सागरजी महाराज की प्रमुख उपस्थिति में एक मंगलमय धर्म यात्रा निकाली जाएगी। सुबह 6:00 बजे अरिहंत नगर के श्री युग प्रवर्तक आदिनाथ मंदिर से शुरू होने वाली यह रैली, आचार्यश्री के आशीर्वाद के साथ परिसर के सभी मंदिरों को स्पर्श करेगी। यह भक्तिपूर्ण यात्रा रोपलेकर चौक और शाहनूरवाड़ी दरगाह होते हुए ठीक 7:00 बजे जाबिंदा मैदान पर पहुँचेगी। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है।

समारोह की शुरुआत सुबह 7:00 बजे संगीत और स्वागत नृत्य की धुन पर मंगलाचरण के साथ होगी। इसके बाद छत्रपती संभाजीनगर में चातुर्मास कर रहे सकल जैन समाज के सभी साधु-साध्वी भगवंतों का मंगलमय उपदेश प्राप्त होगा। समारोह में महाराष्ट्र का प्रसिद्ध संगीत समूह अपने सुमधुर संगीत से वातावरण को और भक्तिमय बनाएगा। इस पूरे कार्यक्रम के सूत्र संचालन की जिम्मेदारी देश की सुप्रसिद्ध, जैन धर्म का गहरा ज्ञान रखने वाली और 2000 से अधिक कार्यक्रमों को अपनी शब्द संपदा से मंत्रमुग्ध करने वाली मुंबई की आर. जे. विधि जैन संभालेंगी। इसके अतिरिक्त, कई राजनीतिक हस्तियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की भी इस समारोह में सम्मानजनक उपस्थिति रहेगी। सामूहिक पाठ के बाद प्रमुख अतिथियों का उद्बोधन होगा और सुबह ठीक 10:30 बजे सामूहिक राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।
उपस्थित लोगों के लिए कार्यक्रम स्थल पर जलपान और महाप्रसादी की उत्तम व्यवस्था की गई है। अंतर्राष्ट्रीय श्री भक्तामर प्रभावना संघ की ओर से छत्रपती संभाजीनगर जिले के प्रत्येक जैन परिवार से ‘जैन समाज की एकता’ और ‘हर घर भक्तामर, घर घर भक्तामर’ के संकल्प को पूरा करने के लिए 9 अक्टूबर को सुबह ठीक 7:00 बजे जाबिंदा ग्राउंड पर उपस्थित रहने का विनम्र निवेदन किया गया है। साथ ही, देश-विदेश के सभी समाज बंधुओं से अपने-अपने मंदिर, चैत्यालय स्थानक, उपाश्रयों में इस सामूहिक भक्तामर पाठ समारोह का आयोजन करने का भी आह्वान आयोजन समिति ने किया है।
नरेंद्र अजमेरा, पियुष कासलीवाल ✍🏻
औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

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