टोंक में परम पूज्य मुनि श्री 108 चिन्मय सागर जी यम संलेखना धारण कर चारों आहार का त्याग कर संयम साधना की‌ और अग्रसर

 

टोंक राजस्थान ! (देवपुरी वंदना) संस्कृति के उन्नायक ‌मुनि श्री 108 चिन्मय सागर जी गुरुवर‌ ने
आज दिनांक 13 सितंबर 2025 स्थान टोंक प्रातः 9 बजे श्री जी एवं वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी के समक्ष चारों प्रकार के आहार का त्याग कर यम संलेखना ग्रहण की
परम पूज्य वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री108 वर्धमान सागर जी महाराज के निर्यापकत्व सभी साधुओं से क्षमा याचना कर मुनि श्री 108 चिन्मय सागर जी समाधि मरण की ओर बढ़ रहे हैं आपकी उत्कृष्ट से उत्कृष्ट समाधि की मंगल भावना करते हैं !
88 वर्षीय मुनि श्री चिन्मयसागर जी जन्म का नाम देवीलाल भौरावत नरसिंहपुरा जैन जन्म तिथि 13 फरवरी 1937 जन्म स्थान डबोक हवाई अड्डा उदयपुर है आपके पिता का नाम श्री किशोरचंद भोरावत माता का नाम श्रीमती बख्तावरदेवी लौकिक शिक्षा पांचवी तक प्राप्त की गृहस्थ अवस्था की पत्नी का नाम श्रीमती बबला देवी था। वैराग्य की प्रेरणास्रोत आर्यिका श्री विशुद्धमति माताजी (सतना ) रही आपने ब्रह्मचर्य व्रत सन 1989में लिया धार्मिक शिक्षा एवं मुनि दीक्षा प्रदाता परम पूज्य आचार्य श्री अजीत सागर जी, द्वारा 10 फरवरी 1989 उदयपुर, आपकी सीधी मुनि दीक्षा हुई। श्री चिन्मय सागर जी 36 वर्ष से संयम साधना में है!

राजेश जैन पंचोलिया इंदौर ✍🏻

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