आत्म शुद्धि पर्व के पूर्व समाज में पुतला दहन
इंदौर ! (देवपुरी वंदना) हाय – हाय, मुर्दाबाद – मुर्दाबाद, राम नाम सत्य है – राम नाम सत्य है, हमारे कुल, गोत्र, परिवार की संस्कार – संस्कृति तप, त्याग, साधना – आराधना को छोड़ अहम् नाम, पद की लालसा जब श्रमण संस्कृति से लेकर गुरु भक्त व कट्टर पथ का चोला पहने श्रावक – श्राविकाओं के मानवीय जीवन को सार्थक बनाने की क्रिया अपने चातुर्मास (वर्षा योग) समय की मान मर्यादा को ताक मे रख कर आसानी से भुनाने की सार्थक क्रिया को अपनी मनचाही स्थिति को लाभान्वित करते हुए आज जैन समाज के प्रथम पायदान के बिंदु बेहद उत्साहित हो रहे हैं ! जैन समाज का कट्टर पंथ और मुनि भक्ति को प्रदर्शित करता बुंदेलखंड में प्रातः स्मरणीय भगवान् स्वरूप प्रतिकृति की रचना आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी की जीवंत उपस्थिति में ही जैन समाज मैं उनके ही भक्तों शिष्यों कि सहमति से पत्र-कांड से कोई अनजान नहीं है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विगत दिनों में सागर , अशोकनगर, व अन्य स्थलों पर देखने को मिला क्या इसी प्रकार से नाम,पद अहम और मैं पहलवान का स्वरूप देखने को मिलेगा ..? संसार पूज्य का रुझान अब किस और रहेगा .? अभी देखी गई शक्ति प्रदर्शन की परीक्षा का परिणाम आने में अभी और समय लगेगा या जल्द ही परिणाम समाज के सामने आएंगे ! या 10 दिवसीय आत्म शुद्धि के महापर्व उत्तम क्षमा,उत्तम संयम,उत्तम मार्दव,उत्तम तप,उत्तम आर्जव,उत्तम त्याग,उत्तम अकिंचन्य,उत्तम शौच,उत्तम सत्य,उत्तम ब्रह्मचर्य का स्वरूप और कुछ नये ढंग देखने को मिलेगा ?
मैंने अभी तक मेरी जिंदगी में खुशियों का त्योहार दीपावली पर्व आने के पहले पुतले को जलते देखा है और सुना है और शायद यही इतिहास में भी चरितार्थ सत्य है तो क्या सृष्टि पुनः इतिहास दोहराने की योजना बना रही है या यह सिर्फ भ्रम है ! अब देखना यह है कि आगामी 20 अक्टूबर 2025 को दीपावली पर्व पर क्या होगा !
पत्र – कांड और आचार्य पद कि लालसा का धमाका क्या होने वाला है ? या यह फुस्सी बम की तरह बिना आवाज के एक तरफा मुंह रख कर बंद हो जाएगा ?
देश का संपूर्ण दिगंबर जैन समाज और देवपुरी वंदना समाचार पत्र ✍🏻 पत्र – कांड के निर्माता- निर्देशक और फाइनेंसर के साथ-साथ मुख्य भूमिका निभाने वाले व्यक्तित्व विशेष से यहीं आग्रह करता है कि समाज की और ज्यादा अवेहलना ना करे!