पानी गांव की श्रेया – धवलसेठी ने अपने मानवीय जीवन को सार्थक करते हुए अनूठे ढंग से अपनी शादी की सालगिरह मनाई
णमोकार तीर्थ ! शादी की सालगिरह मनाई अनोखे तरीके से मनाते हुए गुरु चरणों का आशीर्वाद प्राप्त किया
एक और जहाँ लोग शादी की सालगिरह में रिसोर्ट में या किसी पिकनिक जगह पर चकाचौंध के बीच मनाना पसंद करते है वही इंदौर के सौ. श्रेया धवल सेठी ने अपनी शादी की सालगिरह अनोखे तरीके से मनाई।
श्रेया ने शादी की 10 वी सालगिरह के दिन अपने गुरु प.पू. आचार्य श्री 108 देवनन्दि जी गुरुदेव को णमोकार तीर्थ पर लगभग 800 वर्ष पूरानी एक प्राचीन प्रतिमा भेट की और उसके लिए उनके पति, बच्चे, सास ससुर सहित पूरा परिवार गुरु चरणों में पहूंचा वहां उन्होंने इंदौर के पानीगांव क्षेत्र से प्राप्त यह प्रतिमा गुरुदेव को भेट की।
गौरतलब है कि श्रेया सेठी णमोकार तीर्थ के अध्यक्ष निलम जी अजमेरा की सुपुत्री है।
श्रेया सेठी का कहना है कि इसके लिए उन्हें गुरुदेव से प्रेरणा मिली। कुछ वर्ष पहले गुरुदेव के कुछ शब्द उन के कान पर पडे थे, जिसमें उन्होंने कहां था कि, एक उत्कृष्ठ श्रावक वही कहलाता है, जो अपने जीवन में 3 काम कर लेता है,पहला काम एक तीर्थंकर प्रतिमा के लिए निर्माण या दान देना, दुसरा सिध्दचक्र महामंडल विधान में सौधर्म इंद्र बनना, तीसरा सम्मेदशिखर जी की वंदना करवाना बस उस दिन से उन्होंने ठान लिया कि वो अपने जीवन में यह 3 काम जरुर करेंगी और लग गई काम पर पिछले 6 माह से वो इसकी तैयारी कर रही थी, उन्होंने अनेकों जगह पर प्रतिमा तलाश करी लेकिन कही मिली नही एक दिन इंदौर के पास पानीगांव क्षेत्र पर एक नदी के किनारे से प्राप्त प्रतिमा दिखी। वहां समाज ना होने से प्रतिमाजी की प्रतिदिन दिन देखरेख नही हो पा रही थी उन्होंने तुंरत क्षेत्र कमिटी से संपर्क किया, उनकी रजामंदी प्राप्त की, और पूरे विधी विधान के साथ इस प्रतिमा को वह अपनी शादी के सालगिरह के दिन णमोकार तीर्थ पर लेकर आये. श्रेया आज बहुत खुश है कि इस प्रतिमा का अब पूरा रख रखाव अच्छे तरीके से होगा।
जहां गुरुदेव के सानिध्य में उसका भव्य पंचामृत अभिषेक संपन्न हुआ। गुरुदेव ने उनके इस कार्य की प्रशंसा करते हुए उन्हें आगामी जीवन के लिए मंगल आशिर्वाद दिया।