रूप सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली तो उसके भाई निलेश राजपूत ने 101 जैन मंदिर में चोरी करने का संकल्प लिया
मध्य प्रदेश ! विदिशा पुलिस ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है, जो सिर्फ जैन मंदिरों को ही निशाना बनाता था। इसी ने गंजबासौदा के 500 साल पुराने श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चोरी की थी। वारदात के 24 घंटे में ही पुलिस ने आरोपी को रेलवे स्टेशन से भागते वक्त गिरफ्तार किया। उसके पास से चांदी और पीतल के 35 छत्र सहित 4 लाख का माल बरामद हुआ। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह अब तक 79 जैन मंदिरों में चोरी कर चुका है। 101 मंदिरों में चोरी का लक्ष्य है। उसने अब तक सागर, विदिशा, भोपाल, दमोह, रायसेन और इटारसी के जैन मंदिरों को निशाना बनाया है। उसके खिलाफ 39 मामले दर्ज हैं और वह पहले भी जेल जा चुका है। भाई की आत्महत्या के बाद ही उसने जैन मंदिरों में चोरी करनी शुरू की। आरोपी नीलेश राजपूत (40) ने कबूला कि विगत रात गंजबासौदा के गांधी चौक स्थित श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में ताला तोड़कर 30 चांदी और 5 पीतल के छत्र चुराए थे।
नीलेश ने चोरी से पहले मंदिर की रैकी की थी। उसने दान पेटी में सिक्का डालकर जांचा कि उसमें रुपए हैं या नहीं। जब पेटी खाली निकली, तो उसने उसे छोड़ दिया। चोरी के बाद वह ट्रेन से भाग रहा था, तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा। उसने बताया कि वह नकदी खर्च कर देता था, – लेकिन मंदिरों से मिली सामग्री को नदी या तालाब में फेंक देता था। सागर जिले के औरिया गांव का नीलेश एक सम्मानित परिवार से है। उसके पिता की गांव में अच्छी प्रतिष्ठा थी और बड़ा भाई सुखराम सरपंच रह चुका है। लेकिन नीलेश के भाई रूप सिंह को चोरी के झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सामाजिक अपमान से आहत रूप सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने नीलेश को अपराध की दुनिया में धकेल दिया। उसने कसम खाई कि वह 101 जैन मंदिरों में चोरी करेगा। पूछताछ में उसने बताया कि वह मंदिर में चप्पल उतारकर प्रवेश करता था और चोरी से पहले भगवान को प्रणाम करता था। 20 दिन पहले ही वह रायसेन जेल से छूटकर आया था।