नाम,पद के महत्वाकांक्षीयो द्वारा मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी के कंधों का भी उपयोग करने में देरी नहीं की
इंदौर ! (देवपुरी वंदना) सर्व विदित है कि अपनी महत्वाकांक्षा नाम, पद, मंच,माला की लालसा मानव को अच्छे बुरे की सोच से बहुत दूर ले जाता है! और सिर्फ अपने फायदे की जुगाड़ में ही लीन रहता है चाहे वह किसी भी रास्ते का उपयोग करता है या करने के लिए लालाहित रहता है !
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण इंदौर दिगंबर जैन समाज के घटते स्तर को देखते हुए लगाया जा सकता है इंदौर जैन समाज विगत कई वर्षों से प्रतिभावान अच्छी सोच और दृढ़ संकल्पित कुशल नेतृत्व करने वाले के अभाव के चलते दुःखी है फिर भी वह धार्मिक, सामाजिक आयोजन में शामिल होकर अपने समाज में बढ़ते जा रहे विघटन को देखते रह जाता है अपने आप को विवश मानता है क्योंकि वह कुछ कर नहीं पता है !
इसी बीच श्रमण परंपरा और श्रावक -श्राविकाओं के मानव जीवन को श्रेष्ठ बनाने और आत्म कल्याण का महापर्व चातुर्मास चल रहा है जहां अभी मात्र 30 दिन / 1 माह ही हुआ है अभी तीन माह और बाकी है ! वर्ष 2024 का चातुर्मास इंदौर की तीन दिगंबर जैन सामाजिक संसद किसी भी चातुर्मास जिम्मेदारी से मुक्त क्योंकि इंदौर दिगंबर जैन समाज का सबसे बड़ा चातुर्मास शंका समाधान स्पेशलिस्ट मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी का चातुर्मास सकल जैन समाज के बैनर तले हो रहा है ? मुनि श्री के मंगल प्रवेश से लेकर अभी तक इंदौर दिगंबर जैन सामाजिक संसद के उपयोग के बिना नई सकल जैन समाज द्वारा आयोजन किया जा रहा है?
इंदौर में जहां एक और आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी व मुनि श्री 108 विनम्र सागर जी का चातुर्मास अलग-अलग स्थानों पर हो रहा है इनके साथ-साथ मुनि श्री 108 पूज्य सागर जी आचार्य श्री 108 सिद्धांत सागर जी , मुनि श्री 108 उदार सागर जी आदि -आदि इंदौर के अन्य कॉलोनी स्थानों पर भी हो रहे हैं जहां तप,साधना आराधना के साथ नाम पद कै महत्वाकांक्षी अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपनी इच्छा के अनुसार अपने कार्य में लगे हुए हैं! शंका समाधान स्पेशलिस्ट मुनिश्री 108 प्रमाणसागर जी महाराज के मुखारविंद से इंदौर दिगंबर जैन सामाजिक सांसद के अध्यक्ष से अध्यक्ष पद का इस्तीफा दिलवाते हुए नए अध्यक्ष बनाने की घोषणा करवा दी व दो-तीन दिन बाद लोकल समाचार पत्र द्वारा एक समाचार और प्रकाशित करवा दिया ? यह प्रकाशन करवा कर जैन समाज के चिंताजनक अपनी योजना में कितने सफल होंगे !
विगत दिवस इंदौर दिगंबर जैन समाज का स्तर और गिराने का प्रयास किया गया ! अब यह देखना है कि श्रमण परंपरा इस गलत परंपरा को किस प्रकार नकारता है या महत्वाकांक्षी व्यक्तियों को ऐसी परंपरा के लिए प्रोत्साहित करता है