आचार्य श्री 108‌विनिश्च्यसागर के सान्निध्य में शिखर जी में चढ़ाया गया निर्वाण लाडू

श्री सम्मेद शिखरजी ! जैन धर्म के सोलहवें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ का निर्वाण लाडू महोत्सव आचार्य श्री विनिश्च्य सागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में मनाया गया।

श्री सम्मेद शिखरजी पर्वत की बंदना से लौटने के पश्चात वरुण वैवरेज प्रा. लि. कंपनी के इक्जुकेटिव डायरेक्टर सी.ए. कमलेश जैन गुरुग्राम ने बताया कि गणाचार्य श्री विरागसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य वाककेशरी आचार्य श्री विनिश्च्य सागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में श्री 1008 शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप व मोक्ष कल्याणक, भगवान शांतिनाथ की मोक्ष स्थली, सिद्ध क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी, कुंदप्रभ कूट पर बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। पूज्य आचार्य श्री विनिश्च्यसागर जी महाराज के सानिध्य में भक्तों ने कुंदप्रभ कूट पर, भगवान शांतिनाथ के चरणों का अभिषेक एवं शांतिधारा की। सभी भक्तों ने सामूहिक रूप से अष्टद्रव्य से श्री जिनेंद्र भगवान की विशेष पूजन एवम अर्चना करते हुए श्री शांति विधान का आयोजन किया श्री 1008 शांतिनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक के अवसर पर कुंदप्रभ कूट पर काफी संख्या में भक्तों ने बड़े ही भक्तिभाव से निर्वाण लड्डू चढ़ाया। इस पावन अवसर पर दूर दूर से आए श्रद्धालू भाव विभोर होकर भक्तिभाव के साथ नृत्य कर रहे थे। सभी लोग श्री जिनेंद्र प्रभु की पूजन कर रहे थे, आनंदित हो रहे थे, भक्ति में भजन व नृत्य कर रहे थे। अंत में आचार्य श्री विनिश्चय सागर जी महाराज ने सभी भक्तों को शुभाशीष प्रदान किया।

~ मनोज जैन नायक ✍🏻

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