महेश कासार (जैन) कर्नाटक के चिक्कोडी लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं
गुलबर्गा (देवपुरी वंदना) ! महेश जैन पिछले 4 साल में जैनों के लिए 6 बार आंदोलन कर चुके है। अलग अलग राज्य और केंद्र सरकारों को 250-300 पत्र लिखकर उन्होने अनेक प्रकार से जैनों पर हो रहे अन्याय को उजागर कर उनका समाधान किया है। हर बिषय में जैन धर्म की रक्षा और विकास के लिए वह लड़े है। कर्नाटक राज्य मे अल्पसंख्यक मंत्रालय से जैनों को जितना बढकर पैसा मिल रहा है यह इन्ही के निरंतर प्रयासों के बदौलत है।
महेश जी ने संभाले हुए पद-
1. पूर्व राज्यध्यक्ष श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा महासभा, दिल्ली
2. वर्तमान में कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक प्रेजिडेंट. श्री दिगम्बर जैन ग्लोबल महासभा
3. पूर्व अध्यक्ष, International Jain Revolution Forum
4. वर्तमान अध्यक्ष- International Jain Revolution Organisation
5. संस्थापक अध्यक्ष- Mission Jainism
महेश जैन ने जैन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। वे ही हैं जो जैन समाज को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उन्हें जनता के प्रतिनिधि के रूप में चुना जाना चाहिए। जिस मुद्दो पर वह चुनाव लड रहे है वह है-
1. राजानीतिक पार्टियों से जैन धर्म के संरक्षण और विकास के विषयों को नजर अंदाज करना।
2. घटता हुआ राजानीतिक अस्तित्व।
3. तीर्थ क्षेत्रों की सुरक्षा, अतिक्रमण, मालिकाना हक्क।
4. राज्य अल्पसंख्यक आयोग में जैन व्यक्ति को अध्यक्ष पद नहीं मिलना।
5. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष पद आज तक नही मिलना।
6. अल्पसंख्यक मंत्रालय सजैन समाज सबसे कम धन आवंटन।
दक्षिण महाराष्ट्र और उत्तर कर्नाटक के कोल्हापूर, सांगली, बेलगाम और गुलबर्गा जिल्लों मे जैनों की संख्या देश में सबसे अधिक है इसमे चिक्कोडी लोक सभा क्षेत्र मे कुल 15 लाख मतदाता मे से कुल 4 लाख जैन है जो देश मे सबसे अधिक है। जैन जिस तरफ हो उस तरफ यहा के नतीजे आएंगे। फिर भी जैन समाज का कोई भी व्यक्ती यहा से कभी सांसद बना है और कर्नाटक के जैन आधे से ज्यादा गरीबी रेखा के नीचे है।
अधिक जनसंख्या वाली जातियाँ अपने जाति प्रेम में एकजुट होती हैं और स्वयं को सशक्त बनाती हैं।जबकि प्रतिशत के हिसाब से अधिक जनसंख्या वाले कुछ समुदाय अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित कर रहे हैं। जैन जो वास्तविक अल्पसंख्यक हैं, उन्होंने अपने कल्याण के लिए अपने समुदाय के लोगों का समर्थन करना चाहिए।
गैर-पार्टी प्रत्याशी को हराने के बजाय राजनीतिक व्यवस्था में जागरूकता पैदा करने के लिए महेश जैन जैसे उम्मीदवार आवश्यक है। देश-विदेश के जैन समाज को महेश जैन का समर्थन कर उन्हे जिताने का पुरजोर प्रयत्न करना चाहिए।