मानवाधिकार आयोग क्या अब आचार्य श्री का भी बयान लेगी
इंदौर! (देवपुरी वंदना )आचार्य श्री विद्यासागर जी के खिलाफ टिप्पणी और उच्च न्यायालय के निर्णय से कोई भीअनभिज्ञ नहीं है
विगत 3 जनवरी 2021 को भोपाल के एक प्रांगण में आचार्य श्री के अनुयायियों द्वारा निर्णय लेने के पश्चात टिप्पणी करता डॉक्टर योगेश जैन के खिलाफ मध्य प्रदेश के कई शहरों के पुलिस थाना में एफ. आई .आर. दर्ज कराई गई थी जिसके फलस्वरूप सामाजिक बंधुओं के निजी दबाव के चलते मुनि निंदक की संज्ञान स्वरूप डॉ योगेश जैन पर पुलिस की कार्रवाई हुई । अजैन पुलिसकर्मियों के व्यवहार से कौन नहीं वाकिफ है और जिस पर अर्थ का प्रभाव रहता है फिर तो वह फरियादी या आरोपी के सगे भाइयों को भी नहीं छोड़ता हे
जिस समय चक्र में यह घटना घटित हुई तब की स्थिति से कोई जानकार भी नहीं है । मानव अधिकार आयोग ने डॉ योगेश जैन के बयान लेने उनके निवास स्थान पर पहुंची ।
मानवाधिकार आयोग की टीम ने दर्ज किए बयान मानवाधिकार हनन के मामले की जांच करने कल विगत मंगलवार 26 जून 2023 को आयोग का एक दल सीनियर आईपीएस अधिकारी की निगरानी में अलीगंज पहुंचा। आयोग की टीम ने शिकायतकर्ता डॉ. योगेश जैन की लिखित शिकायत का संज्ञान जांच पड़ताल की और साक्ष्य जुटाए। करीब दो घंटे तक आयोग के सीनियर अधिकारी आईपीएस पाटिल केतन ने शिकायतकर्ता से बंद कमरे में पूछताछ की और प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान दर्ज किए। एफ.आई.आर .के मामले में अलीगंज से मध्य प्रदेश पुलिस सादा कपड़ों में ले गई थी उठाकर मप्र जेलों में उत्पीड़न कर मानवाधिकारों का हनन करने पर दर्ज कराया था मामला
तत्कालीन अलीगंज थाना प्रभारी पंकज मिश्रा और जांच अधिकारी संजय सिंह को भी आयोग ने तलब किया और बयान दर्ज किए। एक और शिकायत कर्ता योगेश जैन का आरोप है कि कोरोना काल में उनके द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर महाराज पर एक कमेंट किया गया था। जिसके विरोध में मुनि निंदक होने का आरोप लगाकर मध्यप्रदेश के भोपाल, टीकमगढ़, विदिशा, सागर सहित कई जगह आचार्य श्री के अनुयायियों ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। एफआईआर के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस ने सादा वर्दी में अलीगंज स्थित फैक्ट्री पर छापा मारकर जबरिया गाड़ी में ठूंस कर ले जाया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने मारपीट की और अभद्र व अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोप है कि उनका मुनि निंदा करने के आरोप में एनकाउंटर करने का भी प्रयास किया गया था। मध्य प्रदेश की जेलों में मानसिक रूप से टार्चर किया गया। हालांकि कुछ समय बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुनि निंदा का आरोप वार्ता हुई है। खारिज करते हुए एफ.आई.आर .रद्द कर दी थी।
शिकायतकर्ता ने मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से किए गए उत्पीड़न की शिकायत मानवाधिकार आयोग दिल्ली में दर्ज कराई थी। जांच दल में शामिल सीनियर आईपीएस पाटिल केतन के साथ एक डिप्टी एसपी और एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी मौजूद रहे।
सीओ अलीगंज सुधांशु शेखर ने बताया कि आयोग की टीम आई थी, शिकायतकर्ता से पूछताछ की गई और अन्य के भी बयान दर्ज किए गए हैं।
यह सब तो सांसारिक प्रक्रिया है
पर क्या प्राचीन जैन धर्म आरोप-प्रत्यारोप ही सिखाता है या और कुछ भी
देखा जाए तो संसार में कई घटनाएं घटित हुई है
जब प्रभु यीशु को सूली पर चढा कर हाथ पैरो पर नुकीली किलो द्वारा प्रताड़ित किया गया था तब उनके मुंह से यही शब्द निकले थे कि प्रभु इनको माफ करना यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं
इस तरह और भी कई मार्मिक शिक्षाप्रद घटनाएं है! क्या इसमें अनुयायियों का निजी फायदेमंद बात को तूल देना है या और कुछ
फिर भी क्या आचार्य श्री उनकी निंदा करने वालों को सबक सिखाएंगे।