योजना में 23 से 60 आयु वर्ग की बहनों को प्रति माह एक हजार रूपए दिए जाएंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा। बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है। बहने अपनी छोटी-मोटी जरूरतों और पैसों की आवश्यकता के लिए परेशान न हो, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रूपए उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है। जिन परिवारों की वार्षिक आय ढाई लाख रूपए से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं हो, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनें योजना के लिए पात्र हैं। योजना में परिवार का अर्थ है, पति, पत्नी और बच्चे। बहनों को यह राशि उपलब्ध कराने से बहनों के साथ पूरे परिवार का भी कल्याण होगा। योजना के लिए 25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे। मई माह में आवेदनों की जाँच होगी और 10 जून को पहली किस्त बहनों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। जिन बहनों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके खाते खुलवाने में भी मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान भोपाल के जम्बूरी मैदान में विशाल सम्मेलन में योजना का शुभारंभ कर रहे थे। कार्यक्रम से प्रदेश के सभी गाँव तथा वार्ड वर्चुअली जुड़े।

हमारे देश में माँ, बहन, बेटी का हमेशा सम्मान रहा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में महिलाओं को कोई दिक्कत न आए, इसके लिए राज्य शासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है। हमारे देश में माँ बहन, बेटी का हमेशा सम्मान रहा है। बेटियों और बहनों को हमारे यहाँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती माना जाता है। देवता और भगवान के नाम लेने में भी, पहले लक्ष्मी जी और सीता जी का नाम लिया जाता है अर्थात महिला सर्वप्रथम है। कालांतर में परिस्थतियाँ बदली और महिलाएँ भेदभाव का शिकार हो गई।

बहन-बेटियों के लिए योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मेरा मुख्यमंत्री बनना हुआ सार्थक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों के साथ भेदभाव को देखकर मुझे बचपन से ही वेदना होती थी। सार्वजनिक जीवन में सक्रियता के साथ ही मेरा यह प्रयास रहा कि बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए। परिणामस्वरूप विधायक बनते ही साथियों के सहयोग से बेटियों का विवाह कराना शुरू किया और मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले कन्या विवाह योजना बना कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। मेरा प्रण था कि मध्यप्रदेश की धरती पर जो बेटी पैदा हो वह लखपति हो। इस प्रण से लाड़ली लक्ष्मी योजना ने मूर्त रूप लिया। इसके बाद बेटियों को पढ़ाई में मदद के लिए किताबें, यूनिफार्म, साइकिल आदि की व्यवस्था की गई। मजदूर बहन, बेटा- बेटी के जन्म के बाद आराम कर सके, इसके लिए संबल योजना में जन्म से पहले 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपए देने की व्यवस्था की गई। बहनों के लिए गाँव की बेटी, प्रतिभा किरण और प्रसूति सहायता योजना बनाई गई। बहन-बेटियों को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध कराना मेरा सपना था। इन योजनाओं के सफल क्रियान्वय से मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक हुआ।

मुख्यमंत्री ने बहनों का सम्मान कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने आई बहनों का पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या-पूजन और बहनों का सम्मान करते हुए दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सभी कार्यक्रमों का शुभारंभ कन्या-पूजन के साथ किया जाता है। मैं अपनी बहनों में देवी दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी का रूप देखता हूँ। आज के कार्यक्रम का शुभारंभ बहनों के सम्मान से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शाल तथा पोषण दलिया भेंट कर महिलाओं का सम्मान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान का बहनों ने तिलक, श्रीफल, शाल, आरती, मिठाई और पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री के सम्मान में अभिनंदन-पत्र का वाचन भी किया गया।

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